विधानसभा भर्ती विवाद में एक और खुलासा : दागी कंपनी ने कराई थी 32 पदों पर भर्ती
पिछली सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक और बड़े खुलासे की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष मार्च में जिन 32 पदों पर हुई भर्ती परीक्षा पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी, उस परीक्षा को कराने का जिम्मा उसी दागी कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन को दिया गया था, जिसने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी, जिसका पेपर लीक हो गया था। उक्त कंपनी को परीक्षा आयोजित कराने के लिए चयनित करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि भर्ती परीक्षा कराने के लिए कंपनी को विधानसभा से भुगतान भी किया जा चुका है।
सूत्रों के मुताबिक बैकडोर भर्तियों की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि विशेषज्ञ समिति ने दस्तावेजों की जांच के दौरान आरएसएम टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी चयन में गड़बड़ी पाई है। इस खुलासे के बाद एक बार फिर वर्तमान में कैबिनेट मंत्री और पिछली सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरतलब है कि आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन वही दागी कंपनी है जिसने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी, जिसका पेपर लीक हो गया था।
विधानसभा में 32 पदों के लिए इस वर्ष 20 मार्च को परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने के आदेश दिए थे।
उक्त परीक्षा के लिए पिछले साल एक अक्तूबर 2021 को आवेदन मांगे गए थे जिसके बाद बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किया था। 20 मार्च 2022 को इन पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। इसी दौरान भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया का पालन न करने की शिकायत करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के चलते इस परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं हुआ है।