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अंकिता हत्याकांड: पुलकित आर्य को झटका, खारिज हुआ केस ट्रांसफर प्रार्थनापत्र

निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं होने को मुख्य आरोपी पुलकित द्वारा दिया केस ट्रांसफर प्रार्थनापत्र की अर्ज़ी को कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है।

अंकिता हत्याकांड: उत्तराखंड बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड ( Ankita Murder Case ) में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य को कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए उसके द्वारा दी गई केस ट्रांसफर प्रार्थनापत्र की अर्ज़ी को कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। पुलकित आर्य ने अदालत में निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं होने की बात कहते हुए जिला कारागार चमोली के माध्यम से केस ट्रांसफर के लिए प्रार्थनापत्र दिया था।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत को भेज दिया था। मामले की पहली सुनवाई 16 फरवरी और दूसरी सुनवाई 26 फरवरी को हुई। दूसरी सुनवाई में पुलकित आर्य ने अदालत में अपना पक्ष रखा था।

जिसके बाद अदालत ने अर्ज़ी खारिज़ करते हुए कहा कि आरोपी द्वारा अदालत में रखे गए सारे आधार निराधार है। साथ ही मामले की सुनवाई एडीजे कोटद्वार की अदालत में कानून व न्याय प्रणाली के अनुरूप चल रही है।

पुलकित ने केस ट्रांसफर के लिए दिए थे ये आधार
1. पुलिस ने एक महिला को खुशराज बता पहचान छिपाकर गवाही कराई गई थी। अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया था।
2. अंकिता के पिता न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी करते हैं।
3. अदालत में धारा-302 से संबंधित कई मुकदमे लंबित हैं, लेकिन उनके केस में जल्दी-जल्दी तारीख लगा दी जा रही है।
4. पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में जानलेवा हमला किए जाने, रिजॉर्ट तोड़े जाने, मुकदमे से अधिवक्ता हटाए जाने व फैक्ट्री में आग लगाए जाने की बात भी कही।
5. मृतका का कमरा तोड़कर साक्ष्यों को नष्ट करने का काम किया गया। शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया। यह एक पक्षीय कार्रवाई थी।

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