Ankita Bhandari हत्याकांड : मामला कोटद्वार से पौड़ी ट्रांसफर करने की याचिका खारिज, मां करेंगी अनशन

बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को अतिरिक्त सत्र न्यायालय कोटद्वार से पौड़ी ट्रांसफर करने की याचिका खारिज हो गई है। अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने जान का खतरा बताते हुए मामले की सुनवाई कोटद्वार से जिला सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दाखिल की थी।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी, आशीष नैथानी ने इस मांग को खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद अंकिता की मां सोना देवी निराश हैं। उन्होंने कहा कि वे केस ट्रांसफर किए जाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी।

उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी के हत्यारों को सजा नहीं मिल जाती तब तक  वे लड़ती रहेंगी।

बीती 13 फरवरी को अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी की तरफ से अधिवक्ता जयदर्शन बिष्ट ने जिला सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि केस की सुनवाई के लिए प्रार्थी को अपने गांव से  करीब 120 किलोमीटर दूर कोटद्वार जाना पड़ता है।

अंकिता हत्याकांड : मामला कोटद्वार से पौड़ी ट्रांसफर करने की याचिका खारिज, मां करेंगी अनशन

याचिका में कहा गया कि हत्याकांड के आरोपी बेहद रसूखदार परिवार से हैं, और ऐसे में उन्हें इतनी दूर आने-जाने में जान का खतरा है।

बीते रोज याचिका की सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश आशीष नैथानी ने आदेश में कहा कि उक्त मामला थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्र का है तथा अभियोजन की ओर से आरोपपत्र भी कोटद्वार न्यायालय में ही पेश किए गए हैं।

इसके साथ ही नामित स्पेशल अभियोजन अधिकारी भी कोटद्वार क्षेत्र से हैं तथा सत्र न्यायालय कोटद्वार इस मामले की सुनवाई करने में सक्षम है।

उन्होंने याचिकाकर्ता सोनी भंडारी को न्यायिक कार्यों के लिए कोटद्वार आने-जाने में सुरक्षा प्रदान करने के लिए एसएसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र देने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि पिछले साल 18 सितंबर को यमकेश्वर क्षेत्र में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में काम करने वाली युवती अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। 24 सितंबर को आरोपियों की निशानदेही पर अंकिता का शव ऋषिकेश स्थित चीला बैराज से बरामद किया गया था।

इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। तीनों फिलवक्त जेल में हैं।

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