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अमेरिका ने भारतीय नागरिक पर खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने का लगाया आरोप 

अमेरिकी न्याय विभाग ने एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर एक अमरीकी नागरिक की “भाड़े के बदले हत्या” की साजिश रचने का आरोप लगाया है। आरोपों में कहा गया है कि गुप्ता ने एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देश पर अमेरिका स्थित सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ “भाड़े के बदले हत्या” का आरोप लगाया है। उन पर अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। आरोपों में एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी को भी शामिल किया गया है, जिसकी पहचान गुप्त रखी गई है और दस्तावेज़ों में उसे CC-1 के नाम से संबोधित किया गया है।

अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि भारत के एक सरकारी अधिकारी (CC-1) और निखिल गुप्ता अमेरिका में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, जो भारतीय मूल का है और अमेरिकी नागरिक है, उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे।

अमेरिकी दस्तावेज़ों के अनुसार, निखिल गुप्ता को सरकारी अधिकारी द्वारा मई 2023 को ही साजिश में शामिल किया गया था। निखिल गुप्ता ने अमेरिका में एक अन्य व्यक्ति से संपर्क किया, जिसे माना जा रहा है कि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक की हत्या करनी थी। जून में निखिल गुप्ता ने इस “कॉन्ट्रैक्ट किलर” से उस व्यक्ति की जानकारी साझा की, जिसकी हत्या की जानी थी। दस्तावेज़ों के अनुसार साजिश को आसान बनाने के लिए भारतीय खुफिया अधिकारी CC-1 के आदेश पर गुजरात पुलिस द्वारा गुप्ता के खिलाफ आपराधिक आरोप हटा दिए गए थे।

52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिसे बीती 30 जून को चेक गणराज्य की सरकार ने पकड़ा था। इसके बाद चेक रिपब्लिक ने प्रत्यर्पण संधि के तहत निखिल गुप्ता को अमेरिका को सौंप दिया था। दोषी पाए जाने पर उसे अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है।

बुधवार को अमेरिकी अखबार “द वाशिंगटन पोस्ट” की एक रिपोर्ट में इन आरोपों का संदर्भ दिया गया, जिसमें कहा गया है कि इन अमेरिकी आरोपों को भारत के साथ, इस साल जून और अक्टूबर के बीच, सबसे उच्चतम स्तर पर उठाया गया था, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति, अमेरिकी विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे स्तर के लोग शामिल हैं।

आरोपों के जवाब में, भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को जारी प्रतिक्रिया में कहा कि, “भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी असर डालते हैं और संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे थे ।” बागची ने आगे बताया कि , “भारत सरकार जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करेगी, ।”

हालांकि रिपोर्ट में अमरीकी नागरिक के नाम का जिक्र नहीं किया गया है पर माना जा रहा है की वो अमरीकी नागरिक, अमरीका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू है जिनकी हत्या की साजिश रची गई थी। पन्नू , सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का संस्थापक है और कई देशों में अलगाववादी “सिख जनमत संग्रह” की वकालत करने के लिए भारत में वांछित है।

अमरीका के यह आरोप खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय संलिप्तता के कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आए है जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद काफी बढ़ गया था और भारत ने कुछ कैनेडियन राजनयिकों को देश छोड़ने को भी कह दिया था। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया था, जबकि कनाडा ने सबूत साझा करने से इनकार कर दिया था।

निज्जर, जो प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक था, जून में मारा गया था।

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