आगरा: टूटे दिल से बोली शहीद की माँ ‘मेरी प्रदर्शनी मत लगाओ यहां’ , देखें वीडियो
शहीद कैप्टन शुभम की मां को चेक सौंपते हुए जब कैमरामैन ने फोटो खींचना शुरू किया तो करुण पुकार के साथ शहीद की माँ ने प्रदर्शनी लगाने को मना किया।
देश की रक्षा में सैनिकों का बलिदान सर्वोपरी होता है। देश की रक्षा के खातिर वह अपने प्राणो की भी चिंता न करके ख़ुशी ख़ुशी शहीद हो जाते है। ऐसे वीर जवानों को सारा देश नमन करता है लेकिन क्या हो तब जब कोई इनकी शहादत में भी अपना प्रचार-प्रसार देखें ? किसी जवान की शहादत पर शोक जताने के बजाए उनका ही मज़ाक बना दिया जाए तो किसी का भी खून खौल उठे।
राजौरी में आंतकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन शुभम गुप्ता के परिवार को राज्य सरकार द्वारा 50 लाख रूपए देने की घोषणा की गयी थी। शुक्रवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और पूर्व मंत्री एवं विधायक डाॅ. जीएस धर्मेश शहीद कैप्टन की मां और पिता को 50 लाख रुपये का चेक सौंपने उनके आवास भी पहुंचे। लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ा जब शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की बिलखती माँ के हाथों में चेक पकड़ा कर फ़ोटो खिंचवाने का तांता लग गया। अपने जवान बेटे की शहादत के गम में डूबी माँ के हाथों जब मंत्री और विधायकों ने चेक पकड़ा कर तस्वीरें खिचवानी शुरू करी तो माँ का भी सब्र टूट सा गया और टूटे दिल के साथ बस बोलती रही की “मेरी प्रदर्शनी मत लगाओ, मेरे बेटू शुभम को बुला दो।” उनके मुँह से निकली यह बात जैसे ही सबने सुनी हर कोई निःशब्द हो गया।
वायरल हुई वीडिओ में देखा गया है की उच्च शिक्षा मंत्री अपने साथ कैमरामैन और मीडिया को लेकर पहुंचे थे। और अपने बेटे की शहादत के गम में डूबी मां को खड़ा कराकर उनके हाथों में चेक सौंप कर तस्वीरें खिंचवाई जा रही थी। रोती बिलखती माँ बेहोशी सी हालत में सभी से इस प्रदर्शनी को बंद करने की बात कर रही थी।
जिसने भी यह वीडियो देखा एक ही बात बोली की क्या उन वीर जवानों की शहादत का ऐसा मज़ाक बनाया जाना जरुरी है ? अगर सरकार द्वारा कोई राशि उनको सौपनी भी है तो क्या बिना प्रचार प्रसार के नहीं दी जा सकती ? वही बेटे के गम में डूबी माँ की हालत देख हर कोई भावुक नज़र आया और मंत्री और विधायकों की इस हरकत पर सभी ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया।