उत्तराखंड: एक अप्रैल से बिजली बिल में आएगा एडिशनल सिक्योरिटी का पैसा, 26 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को नए नियमों के अनुसार अगले साल एक अप्रैल से ज्यादा बिल चुकाना होगा। प्रदेश के करीब 26 लाख उपभोक्ताओं को अब उनके बिजली खपत के आधार पर एडिशनल सिक्योरिटी का पैसा जमा करना होगा। यह निर्णय उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिया गया है।
प्रदेश में आगामी एक अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिल के साथ एडिशनल सिक्योरिटी का पैसा देना होगा । यह रकम बिल में जुड़कर आएगी, जिसका अलग से कॉलम भी देना होगा। इस कदम के द्वारा उपभोक्ताओं को यह स्पष्ट रहेगा कि उन्हें कितना पैसा जमा कराना है। इस नई व्यवस्था का असर केवल पुराने उपभोक्ताओं पर होगा, जिन्होंने पिछले साल बिजली खर्च की थी।
यह नई व्यवस्था केवल पुराने उपभोक्ताओं के लिए ही लागू होगी और इसमें उनकी पूर्व विद्युत खपत का औसत निकाला जायेगा। आने वाले साल से, उपभोक्ताओं को उनकी पिछले साल की बिजली खपत के आधार पर एक अप्रैल से लागू होने वाली दरों के हिसाब से अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी। पिछले साल में उपभोक्ताओं ने जितनी बिजली खर्च की होगी, उसका दो माह का औसत निकाला जाएगा। उस पर एक अप्रैल 2024 से लागू होने वाली दरों के हिसाब से शुल्क लगेगा। यानी अगर किसी उपभोक्ता ने पूरे साल में 12,000 यूनिट इस्तेमाल की हैं, उसका औसत 2000 यूनिट का आता है। अगर अगले साल एक अप्रैल से बिजली की दरें 5 रुपये प्रति यूनिट होती हैं तो 10 हजार रुपये एडिशनल सिक्योरिटी अमाउंट हो जाएगा। यह रकम 12 किश्तों में जमा कराई जा सकेगी।
यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के बिजली उपभोक्ताओं पर एडिशनल सिक्योरिटी के 458.37 करोड़ रुपये बकाया है, और इसकी भुगतान के साथ-साथ उपभोक्ताओं को अब बिजली बिल के साथ इस रकम को 12 किश्तों में जमा कराना होगा। इसको लेकर यूपीसीएल ने नियामक आयोग में याचिका दायर की थी ताकि इसे किश्तों में जमा करने का विकल्प प्रदान किया जा सके।
यूपीसीएल के उपभोक्ताओं के लिए इस विकल्प को प्राप्त करने के लिए नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने इस रकम को 12 किश्तों में जमा कराने के प्रस्ताव पर हामी भर दी है । इसका पालन अगले साल एक अप्रैल से होगा, जब यह रकम उनके बिजली बिल में जुड़कर आएगी। इसके बाद, उपभोक्ताओं को यह स्पष्ट दिखेगा कि उन्हें कितना पैसा जमा कराना होगा।
नई व्यवस्था के अलावा, एक अप्रैल से बिजली दरों में भी बदलाव किया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक उपभोक्ताओं पर एडिशनल सिक्योरिटी के साथ-साथ नई दरों का भी बोझ बढ़ेगा।