
विनय कुमार रुहेला ने कहा कि राज्य में एक तरफ चारधाम यात्रा प्रारंभ हो रही है, वहीं पर्यटन सीजन भी प्रारंभ हो गया है। ऐसे में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपद यात्रियों की छोटी से छोटी सुविधाओं का ध्यान रखें ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो और वे एक अच्छा संदेश लेकर अपने घर को लौटें। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए और वहां पर साइनेज लगाकर यात्रियों को अलर्ट किया जाए। साथ ही उन स्थानों पर चौबीस घंटे जेसीबी तथा अन्य आवश्यक उपकरणों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों को गड्ढामुक्त रखने की कार्यवाही अभी से प्रारंभ कर दी जाए ताकि बरसात के दौरान इनमें जलभराव के चलते हादसे न हों।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि सभी जनपद एनडीएमआईएस पोर्टल में जल्द से जल्द सभी सूचनाओं को अपलोड करना सुनिश्चित करें ताकि केंद्र सरकार से पैसा मिलने में किसी प्रकार की अड़चन न आए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन एवं मार्गदर्शन पर आपदा प्रबंधन विभाग हर स्तर पर एलर्ट मोड में है और लगातार विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सड़क हादसों को रोकने के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रशासन द्वारा निर्धारित समय पर ही वाहनों का आवागमन हो। बरसात की चुनौतियों तथा जलभराव से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अप्रैल और मई के महीने सबसे उपयुक्त हैं, इसलिए सभी आवश्यक तैयारियां प्रारंभ कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि सभी नालियों की सफाई प्रारंभ कर दी जाए ताकि बरसात के दौरान जल भराव की स्थिति पैदा ना हो। विभिन्न विभागों के पास जल भराव से निपटने के जो भी संसाधन हैं, उनकी पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध कर लिया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उन्हें प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न थानों, तहसील तथा अन्य विभागों के पास जो भी राहत और बचाव कार्यों से संबंधित उपकरण हैं, उनकी जांच कर सत्यापन कर लिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी उपकरण ठीक से कम कर रहे हैं तथा उनके संचालन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन्हें संचालित करने वाले लोग पूर्ण रूप से प्रशिक्षित है।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राकेश मोहन खंकरियाल, विशेषज्ञ रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पन्त, डॉ. पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, तंद्रिला सरकार आदि मौजूद थे।
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जहां हो जरूरत, वहीं रखे जाएं सेटेलाइट फोन
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में यदि कर्मचारियों की कमी है तो अभी से व्यवस्था कर ली जाए ताकि चार धाम यात्रा और मानसून अवधि में समन्वय स्थापित करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जितने भी सेटेलाइट फोन जनपदों में हैं, उनकी जांच कर ली जाए और उन्हें उन्हीं स्थानों पर उपलब्ध कराया जाए जहां उनकी जरूरत है।
सभी एलर्ट पर आवश्यक कार्यवाही की जाए सुनिश्चित
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जो भी चेतावनियां जनपदों को भेजी जाती हैं, उन पर प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न सड़कों का वर्गीकरण किया जाना भी आवश्यक है ताकि यह भ्रम ना रहे कि कौन सी सड़क किस विभाग के अंतर्गत है।