Uttarakhand News: नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आगामी नगर निकाय चुनाव कराने के लिए जारी आरक्षण नियमावली 2024 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है. न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया और सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आरक्षण अधिसूचना जारी करते समय राज्य सरकार ने नियमों की अनदेखी की और अधिसूचना जारी होने के बाद उसी शाम चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी गई. याचिका में कहा गया कि इस वजह से याचिकाकर्ताओं को इस पर आपत्ति जताने का मौका नहीं मिला.
Uttarakhand News: याचिका में ये कहा गया है
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नियमों के तहत आरक्षण की घोषणा के बाद आपत्ति जताने का प्रावधान है और राज्य सरकार व चुनाव आयोग ने इस नियम का पालन नहीं किया. याचिका में कहा गया है कि 10 हजार से कम ओबीसी व एसटी आबादी वाली सीटों को आरक्षित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि अधिक आबादी वाली सीटों को आरक्षित किया जाना चाहिए. इसके अनुसार, ओबीसी व एसटी की कम आबादी वाली अल्मोड़ा सीट को आरक्षित नहीं किया जाना चाहिए था, बल्कि अधिक आबादी वाली देहरादून व हल्द्वानी जैसी सीटों को आरक्षित किया जाना चाहिए था.
Uttarakhand News: राज्य सरकार का तर्क
वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि पिछले साल 20 सितंबर को अधिसूचित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916) संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आरक्षण का रोस्टर पूरी तरह लागू किया गया है. राज्य सरकार ने यह भी तर्क दिया कि सीटें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 टी के अनुसार आरक्षित की गई हैं.
सरकार ने ये भी कहा कि यह याचिका विचारणीय नहीं है, क्योंकि इसे चुनाव याचिका के रूप में दायर किया जाना चाहिए था. मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी. राज्य के 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों के लिए चुनाव 23 जनवरी को होंगे. मतगणना 25 जनवरी को होगी.
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