Uttarakhand News: दो शिक्षकों ने फर्जी बी.एड. से की कई साल सरकारी नौकरी
Uttarakhand News: अब जेल में काटेंगे 5 साल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोनों को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई
Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग: जिले के दो शिक्षकों पर फर्जी बीएड डिग्री बनाकर नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगा है, पकड़ में आने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोनों को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है साथ ही जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
उत्तराखंड में पहले भी कई बार फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी लगने के मामले आए हैं फिर भी लोग बिना किसी भय के इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं। मामला जनपद रुद्रप्रयाग का है जहाँ पर दो शिक्षकों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने फर्जी डिग्री बनाकर शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त की है, जब शासन स्तर से इस मामले पर एसआईटी जांच कराई गई तो दोनों शिक्षक फर्जी निकले।
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रुद्रप्रयाग जिले में तैनात शिक्षक शिव सिंह राणा और विक्रम सिंह फर्जी बीएड डिग्री लगाने के आरोप में दोषी पाए गए हैं, इन दोनों शिक्षकों की बीएड डिग्री का सत्यापन जब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से कराया गया तो इनकी डिग्री फर्जी पाई गई।
Uttarakhand News: दोनों शिक्षकों को भेजा जेल
शिक्षा विभाग ने दोनों पर मुकदमा दर्ज कराया और अब एसआईटी की रिपोर्ट के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने सुनवाई करते हुए शिव सिंह राणा और विक्रम सिंह को आईपीसी की धारा 420 के अंतर्गत पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना अदा न करने पर तीन महीने का अतिरिक्त कारावास। साथ ही अदालत ने आईपीसी की धारा 471 के अंतर्गत दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा भी सुनाई है और ये दोनों सजाएं साथ चलेंगी।
Uttarakhand News: जांच प्रक्रिया में लानी होगी सख्ती
प्रदेश में सरकारी नौकरी को लेकर हर एक विभाग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। इस तरह के मामले आने पर विभाग की कार्य प्रणाली और चयन प्रक्रिया पर तीखे सवाल खड़े होते हैं। आखिर इस तरह के फर्जीवाड़ा शुरुवात में ही क्यों सामने नहीं आते ? अभ्यर्थियों के चयन के समय दस्तावेजों की जांच में इतनी बड़ी भूलचूक कैसे हो सकती है।
अगर इसी तरह चलता रहा तो मेहनत करने वाले छात्रों का क्या होगा? जब सभी सरकारी नौकरियां इस तरह के फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ेंगी। सरकार को इसपर परीक्षा करने वाले आयोगों को कड़े निर्देश देने होंगे और दस्तावेज जांच प्रक्रिया में सख्ती लानी होगी।प्रदेश में लगातार हो रही फर्जी नियुक्तियों को लेकर समय-समय पर मामले उजागर होते हैं और यहाँ फिर से दो शिक्षकों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। सरकार को प्रदेश में हो रहे इस तरह के भ्रष्टाचारों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।