Uttarakhand: इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट 2024 की परीक्षा में नक़ल कराते हुए 5 लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। बता दें कि परीक्षा केन्द्र में बैठे परिक्षार्थियों द्वारा उन्हें अपने मोबाइल से प्रश्न पत्रों की फोटो खींचकर टेलीग्राम के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही थी। जहां एक तरफ युवा दिन रात मेहनत करके नौकरी की तैयारी करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ नक़ल माफिया पेंसे लेकर फर्जी तरीके से ऐसे छात्रों को नौकरी लगाते हैं जो उस पद के काबिल भी नही हैं।
ऐसा ही एक मामला ऋषिकेश एम्स से सामने आया हैं जहां पुलिस ने ऑल इंडिया स्तर पर एम्स की ओर से आयोजित एमडी परीक्षा (इंस्टीट्यूट आफ नेशनल इंपीटेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट जुलाई 2024) में नक़ल करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें ऋषिकेश के दो डॉक्टर भी इसमें लिप्त हैं। आरोपी डाक्टर एमडी परीक्षा पत्र सॉल्व करके छात्रों को उपलब्ध करवा रहे थे।
Uttarakhand: टेलीग्राम के माध्यम से करवा रहे थे नकल
इस मामले पर एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस परीक्षा को पास कराने के बदले परीक्षार्थियों की आरोपियों से 50 लाख रुपए की डील हुई थी और ऋषिकेश के दो डॉक्टरों ने आरोपियों से दो-दो लाख रुपये में सौदा किया था। कब्जे से तीन टैबलेट, तीन मोबाइल, दो मेडिकल संबंधी किताब और एक लग्जरी कार बरामद हुई है। पांच आरोपियों में से चार हरियाणा और एक पंजाब का निवासी है।
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दरअसल परीक्षा के दौरान वहां बैठे अभ्यर्थियों को टेलीग्राम में बनाए ग्रुप के माध्यम से प्रश्न पत्रों को सॉल्व करके अपलोड किया जा रहा था। जिसे एम्स अस्पताल के डॉक्टर वैभव जे०आर० व एक अन्य डॉक्टर अमन शामिल थे। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसकी तीन लैब है, जिनके माध्यम से वह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ में भी परिक्षार्थियों को नक़ल कराने के एवज में मोटी धनराशि लेता है। हालांकि अभियुक्तों के विरूद्व कोतवाली ऋषिकेश में धारा 420, 468, 120(बी) भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया हैं।