Loksabha 2024 : नतीजों से पहले ही जीती भाजपा
कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म हुआ रद्द तो बचे हुए उम्मीदवारों ने भी नामांकन लिए वापस।
Loksabha 2024 के पहले चरण की वोटिंग अभी पूरी ही हुई थी की भाजपा का खाता खुल गया।
गुजरात के सूरत सीट से भापजा के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने जीत दर्ज़ कर ली है।
दरअसल कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द हो गया।
जिसके बाद वहाँ के बाकी बचे 8 उम्मेदवारों ने अभी अपना नामांकन वापस ले लिया।
क्या है मामला?
सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को मौजूद नहीं रख पाए थे जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था।
बीजेपी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे।
कांग्रेस का आरोप
वहीं कांग्रेस ने नामांकन खारिज का आरोप सरकार पर मढ़ दिया है।
कांग्रेस ने कहा कि सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं।
कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है, चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर टेली किए बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है, प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सही हैं या गलत उसकी जांच के बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है।
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प्रस्तावकों के हलफनामे
वहीं निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था।
लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने कल एफिडेविट कर कहा था कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब हो गए।
चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक उनके बहनोई जगदीश सावलिया, उनके भांजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के निवेदन का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था।
प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी को एक दिन का वक्त दिया था।
कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ चुनाव अधिकारी को जवाब देने पहुंचे थे, लेकिन तीन में से एक भी प्रस्तावक मौजूद नहीं रहे।