Uttarakhand Lok Sabha Voting: गिरते मतदान ग्राफ ने बढ़ाई नेताओं की दिल की धड़कन
इस वर्ष उत्तराखंड के मतदाता अपने प्रत्याशियों ने नाराज होते नज़र आए है। मतदाताओं की यह नाराजगी गिरते मतदान ग्राफ से स्पष्ट होती हुई दिखाई दे रही हैं। राज्य में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस वर्ष करीब सात प्रतिशत कम वोट पड़े हैं।
Uttarakhand Lok Sabha Voting: उत्तराखंड में 18वीं लोकसभा चुनाव की वोटिंग(Uttarakhand Lok Sabha Voting) पूरे राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से बीते दिन पूरी हुई। हालांकि कुछ जिलों में छिटपुट घटनाएं सुनने और देखने को मिली। राज्य में 53.64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया। मतदाताओं का यह आंकड़ा सभी प्रत्याशियों के लिए हैरान और परेशान कर देने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस वर्ष राज्य में करीब सात प्रतिशत कम वोट पड़े हैं। कम वोट पड़ने के पीछे क्या वजह है इसपर फिलहाल प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। आगे पढ़ते है पिछले लोकसभा चुनाव में किन जिलों में कितने प्रतिशत वोट पड़े थे और इस वर्ष में उन्हीं जिलों में कितना अंतर देखने को मिल रहा है।
पांचों लोकसभा सीटों पर कितना प्रतिशत हुआ मतदान
राज्य की पांचों लोकसभा सीट अल्मोड़ा, गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी-गढ़वाल में कुछ इस प्रकार मतदाताओं ने डाले वोट-
- अल्मोड़ा – 45.72
- गढ़वाल 49.93
- हरिद्वार 59.73
- नैनीताल 60.04
- टिहरी गढ़वाल 52.08 प्रतिशत
सभी जिलों में कितना प्रतिशत हुआ मतदान
राज्य के सभी 13 जिलों में कुछ इस प्रकार रहा वोटिंग प्रतिशत
- उत्तरकाशी – 52.3
- चमोली – 49.36
- रुद्रप्रयाग – 54.02
- टिहरी – 40.93
- देहरादून – 55.85
- हरिद्वार – 61.34
- पौड़ी – 46.42
- पिथौरागढ़ – 45.85
- बागेश्वर – 45.08
- अल्मोड़ा – 40.87
- चंपावत – 50.45
- नैनीताल – 56.02
- यूएस नगर – 61.5
2019 में पांचों सीटों का वोटिंग प्रतिशत
- अल्मोड़ा – 52.31
- गढ़वाल – 55.17
- हरिद्वार – 69.18
- नैनीताल – 68.97
- टिहरी गढ़वाल – 58.87 प्रतिशत
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सभी जिलों में कितना प्रतिशत हुआ मतदान
- चमोली – 56.58
- देहरादून – 61.50
- हरिद्वार – 72.37
- पौड़ी गढ़वाल – 50.6
- रुद्रप्रयाग – 58.87
- टिहरी गढ़वाल – 46.48
- उत्तरकाशी – 60.44
- अल्मोड़ा-47.89
- चंपावत – 56.18
- पिथौरागढ़ – 52.01
- नैनीताल – 62.33
- उधमसिंह नगर -71.68
- बागेश्वर – 57.19
इन आकड़ो से साफ पता चल रहा है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस वर्ष राज्य में करीब सात प्रतिशत कम वोट पड़े हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2019 में वोट प्रतिशत 61.50 था। मतदाता के ऐसे व्यवहार से राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की चिंताएं बढ़ना लाजमी है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही अपनी तरफ से मतदान प्रतिशत को अपने पक्ष में बता रहे हैं, लेकिन इनकी बातों में कितना दम है। इसके बारे में चार जून को नतीजे आने पर ही पता चलेगा।
निर्वाचन आयोग के तमाम प्रयासों के बाद भी 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर औसत मतदान ही दर्ज किया गया। जबकि इस बार चुनाव आयोग का यह प्रयास था कि इस बार उत्तराखंड में 75% वोट पड़ें। हालांकि यह राज्य गठन के बाद हुए पहले दो लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत से अधिक है।