आक्रोश सड़क व पुल की मांग पूरी नहीं होने पर मतदान बहिष्कार पर अडिग मतदाता डाडामण्डल
मल्ला बनास,यमकेश्वर। इस बार के चुनाव में देहरादून, चमोली और यमकेश्वर समेत कुछ अन्य इलाकों में जनता की नाराजगी की झलक देखने को मिली। भाजपा के गढ़ यमकेश्वर इलाके में मतदान से 48 घण्टे पहले का माहौल
देहरादून में भाजपा प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को निर्दलीय बॉबी पंवार के युवा समर्थकों और पूर्व सैनिकों का भारी विरोध झेलना पड़ा। विरोध का आलम यह रहा कि भाजपा प्रत्याशी कार से नीचे उतर ही नहीं पाई। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी का यह आलम चमोली जिले के कुछ इलाकों में भी देखा गया। यहां ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं इन सबसे अलावा यमकेश्वर इलाके में जनता के आक्रोश की कहानी सबसे जुदा दिखाई दी। डाडामंडल से जुड़े लगभग 18 से 20 हजार जनता बरसों से सड़क व बीन नदी पर पुल की मांग कर रही है। ग्रामीणों की यह मांग पूरी नहीं होने लगभग 15 हजार मतदाताओं ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया हुआ है।
पंक्तियों के लेखक ने मतदान से पूर्व इस इलाके का दौरा किया। ऋषिकेश से सटे गंगा भोगपुर (चीला नहर के पास) इलाके में ग्रामीणों ने राजा जी नेशनल पार्क के बीच से गुजर रही सड़क के 11 किलोमीटर के हिस्से की मरम्मत की मांग कर रहे हैं। बेहद जर्जर, खस्ताहाल व दुर्घटना के मुहाने पर खड़े कौड़िया-किमसार मार्ग में हाथी समेत अन्य जंगली जानवरों का हमेशा डर बना रहता है। ग्रामीण इस बेहद खराब मार्ग पर जोखिम लेकर आवाजाही करते हैं। जंगल के बीच से गुजर रहे इस सड़क मार्ग को बनाने के लिए ग्रामीण कमोबेश सभी सरकारों से गुहार लगा चुके हैं। 2015-16 में लगातार छह महीने तक आंदोलन करने के बाद हरीश रावत सरकार ने लगभग 11 किमी के हिस्से की 6 करोड़ की लागत से मरम्मत कराई थी। मल्ला बनास के ग्राम प्रधान बचन सिंह बिष्ट का कहना है कि ग्रामीण लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के फैसले पर अडिग हैं।
इस मार्ग के जीर्णोद्धार के लिए सभी सीएम व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। यही नहीं, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को भो मांग पत्र सौंपा गया था। इस इलाके में स्थित कृपालु महाराज के अध्यात्म व योग केंद्र के उद्घाटन पर हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी मार्ग केनिर्माण का ठोस आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार के विभिन्न विभागों के उदासीन रुख की वजह से यह मामला उलझा हुआ है। भाजपा विधायक विजया बड़थ्वाल भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रही हैं। मौजूदा स्पीकर ऋतु खंडूडी भी यमकेश्वर से भाजपा विधायक रह चुकी हैं। कई सीएम के हेलीकाप्टर यहां उतर चुके हैं। लेकिन 24 साल में कुछ नहीं हुआ।
इस सड़क मार्ग की जर्जर हालत की वजह से स्थानीय नौकरी पेशा कर्मी,छात्र व बीमार लोगों को काफी दिक्कत होती है। बरसात में बीन नदी का पानी चढ़ने पर रोज ऋषिकेश जाने वालों को छुट्टी लेनी पड़ती है। वन विभाग के अधीन होने की वजह से मार्ग की मरम्मत सीमेंट से की गई। डामरीकरण नहीं कियाग या। गंगा भोगपुर से किमसार होते हुए यह मार्ग आगे जाकर कांडी-कस्याळी-कांडा खाल -भृगुखाल इलाके से जुड़ता है। यूपी के सीएम योगी का पंचूर गांव भी इसी क्षेत्र में है।
इस इलाके की आबोहवा को देखते हुए अंग्रेजों ने इसे छोटी विलायत का नाम भी दिया था। यहां से गंगा, हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून के अलावा हिमालय की लंबी श्रृंखला साफ दिखाई देती है। खेती व बागवानी के लिए यह इलाका बेहद मुफीद है। पानी की कमी की वजह से अधिकांश खेत खाली नजर आते हैं। आपदा के समय कौड़िया किमसार का सम्पर्क यमकेश्वर व ऋषिकेश से कट जाता है। मल्ला बनास से पैदल ही यमकेश्वर तहसील तक 20 किमी दूरी नापनी पड़ती है। बीते साल आयी आपदा में सड़क व पुल बह गए थे। उंस समय कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल यहां पैदल आये थे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड,सड़क व पुल को लेकर ग्रामीण स्थानीय भाजपा विधायक रेनू बिष्ट से नाराज हैं। चुनाव प्रचार में आये भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को आन्दोलित महिलाएं खरी खोटी सुना ही चुकी हैं। ग्राम प्रधान बिष्ट का कहना है कि डबल इंजन की सरकार में बड़ी बड़ी हजारों करोड़ की विकास योजनाएं चल रही है। कनेक्टिविटी के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन यमकेश्वर के इस इलाके की कनेक्टिविटी के लिए सरकारों ने मुंह मोड़ा हुआ है।
बातचीत के दौर में स्थानीय युवा दिग्पाल सिंह सड़क मार्ग को लेकर आंदोलन को लेकर सचेत तो है लेकिन मतदान करने के पक्ष में भी बात करता है। मतदान से 48 घण्टे पहले कौड़िया से किमसार तक भाजपा के झंडे लहराते दिखे। ग्रामीण महिलाएं गेंहू कटाई में और बच्चे शादी से पहले मेकअप में बिजी। मंदिर में रामनवमी की धूम। महिलाएं भजन कीर्तन में मशगूल। धूप तेज लेकिन माहौल में तेज हवा भी तारी.. जीप की छत पर सवार यात्री धूप से बचने की कोशिश में.. कोई राजनीतिक हलचल नहीं..
यूं तो, राज्य गठन के बाद पौड़ी लोकसभा की यमकेश्वर विधानसभा में भाजपा का ही दबदबा रहा है। लेकिन डबल इंजन की सरकार में सड़क व पुल की मांग पूरी नहीं होने पर आक्रोशित डाडामण्डल ( कौड़िया से किमसार ) के हजारों मतदाता 19 अप्रैल को पोलिंग बूथ का रुख नहीं करेंगे… यह मतदान करने की बारम्बार अपील करने वालों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है…