प्रदेश में 16 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में सोमवार से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही मिशन कोशिश शुरू होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक एमएस बिष्ट के मुताबिक, सभी विद्यालयों में मिशन कोशिश के तहत छात्र-छात्राओं को कोर्स का रिवीजन कराया जाएगा।
सरकारी विद्यालयों में सोमवार से नया शिक्षा सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन छात्र-छात्राओं को शुरुआत में पुरानी किताबों से पढ़ना पड़ेगा। हर साल की तरह इस साल भी एक अप्रैल से मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराना विभाग के लिए चुनौती बना है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में बुक बैंक के माध्यम से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
उधर, शिक्षकों का कहना है बुक बैंक से सभी छात्र-छात्राओं को पुस्तकें नहीं मिल पाएंगी। यदि किसी कक्षा में पिछले साल 15 छात्र थे और अबकी उसमें छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 20 हो गई तो पांच छात्र-छात्राओं को नई पुस्तकों के लिए इंतजार करना पड़ेगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्य पुस्तकों के लिए जून महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है।
इन जिलों में हैं इतने विद्यालय
प्रदेश के अल्मोड़ा जिले में 1,250 प्राथमिक विद्यालय हैं, जबकि बागेश्वर में 561, चमोली में 919, चंपावत में 477, देहरादून में 881, हरिद्वार में 666, नैनीताल में 937, पौड़ी में 1,405, पिथौरागढ़ में 1,023, रुद्रप्रयाग में 521, टिहरी गढ़वाल में 1,266, ऊधमसिंह नगर में 783 एवं उत्तरकाशी जिले में 686 प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा प्रदेश में 2,548 उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं 2,313 माध्यमिक विद्यालय हैं।
यह है मिशन कोशिश
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में मिशन कोशिश के तहत छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम का रिवीजन कराया जाएगा। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कक्षा एक से 12वीं तक की सभी कक्षाओं में इस कार्यक्रम को चलाया जाएगा। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना की ओर से इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया कि यह कार्यक्रम एक अप्रैल 2024 से 30 जून 2024 तक चलेगा। एससीईआरटी की ओर से इसके लिए समय सारणी भी जारी की गई है।