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Holika Dahan किस समय किया जाएगा, जानें पूजा के समय की सटीक जानकारी

प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इस साल 24 मार्च को यह तिथि पड़ रही है। आज देशभर में होलिका दहन मनाया जाएगा। आइए जानते है आज होलिका दहन की पूजा का मुहूर्त और पूजा विधि।

Holika Dahan Puja Time: हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को रंगों का त्योहार होली मनाई जाती है। इस वर्ष कल यानी 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। होली से एक दिन पहले यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा। होलिका दहन वाले दिन बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। साथ ही पूजा का समय और पूजा की विधि को सही तरह से करना महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की अहम जानकारी।

प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा

होलिका दहन की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन भद्रा काल के दौरान भूलकर भी पूजा नहीं करनी चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार आज होलिका दहन के दिन शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 10 बजकर 6 मिनट तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में भद्रा काल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 

आज होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त की पूरी अवधि 01 घण्टा 14 मिनट की है। ध्यान देने वाली बात यह है कि शाम के समय होलिका दहन का कोई मुहूर्त नहीं है।

होलिका दहन पर भद्रा का साया

आज होलिका दहन के दिन शाम से लेकर रात तक भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल के दौरान भूलकर भी पूजा नहीं करनी चाहिए। आज होलिका दहन के दिन शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 10 बजकर 6 मिनट तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में भद्रा काल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा।

होलिका दहन पूजन सामग्री

होलिका दहन की पूजा सामग्री कुछ इस प्रकार है – माला, रोली, अक्षत, बताशे, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल, एक कटोरी पानी, गंगाजल आदि। इसके बाद मंत्र का उच्चारण करते हुए होलिका अग्नि की सात बार परिक्रमा करें। पूजा करते समय होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।

होलिका दहन पूजा विधि

होलिका दहन की पूजा के लिए सही स्थान और सही दिशा देखकर ही बैठें। पूजा के स्थान को गंगाजल से पवित्र करें। उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाकर थाली में रोली, फूल, मूंग, नारियल, अक्षत, साबुत हल्दी, बताशे, कच्चा सूत, फल, बताशे और कलश में पानी भरकर रख लें। इसके बाद होलिका मैया की पूजा करें। पूजा की सामग्री को अर्पित करें। साथ ही भगवान नरसिंह और विष्णु जी का नाम लेकर पांच अनाज अर्पित करें। फिर प्रह्लाद का नाम लेकर अनाज के दाने और फूल अर्पित करें। इसके बाद कच्चा सूत लेकर होलिका की सात होलिका की परिक्रमा करें और अंत में गुलाल डालकर जल अर्पित करें। होलिका दहन के बाद उसमें कच्चे आम, सप्तधान्य, नारियल, मुट्टे, मूंग, चना, चावल आदि चीजें अर्पित कर दें।

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