जि पं के गंगनानी में करवाया जा रहे विकास कार्यो के रोकने लिए षड्यंत्र रचने वालों पर होगी कार्रवाई एसीओ ने एसडीएम को लिखा पत्र, अराजक तत्व राजकीय कार्यों में डाल रहे बाधा ।।
उत्तरकाशी। जिला पंचायत द्वारा गरीब जनता की सुविधा के लिए निमार्णाधीन गेस्ट हाउस को लेकर के षड़यंत्रकारी द्वारा जिला पंचायत की छवि को धूमिल करने की कुचेष्टा की जा रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि जिला पंचायत द्वारा गंगनानी में यमुनोत्री चार धाम यात्रा एवं स्थानीय नागरिकों की सुविधा के लिए निर्माणधीन गेस्ट हाउस निमार्ण को षड्यंत्र के तहत बाधित करने के लिए
यमुनोत्री विधानसभा के एक स्थानीय जुम्मेवार जनप्रतिनिधि हैं जो स्वयं कुछ विकास कर नहीं सकते लेकिन विकास विरोधी सोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि गंगनानी में जिला पंचायत द्वारा आमजन के लिए करवाया जा रहे विकास कार्यों से घबराकर एक स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने चिरकुटों द्वारा जिला पंचायत को बदनाम करने के लिए
सोशल मीडिया में भ्रमिक सूचनाओं को फैला रहा हैं। उन्होंने कहा कि गंगनानी में जो भी निर्माण कार्य किये जा रहे वह भूमि जिला पंचायत की है तथा कार्य करने की उत्तराखंड शासन द्वारा अनुमति ली गई है। लेकिन सामाजिक तत्वों द्वारा जिला पंचायत की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है जिनके खिलाफ जिला पंचायत कानून कारवाई करने जा रही है।
इधर अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत उत्तरकाशी ने शुक्रवार को उप जिलाधिकारी बड़कोट को पत्र लिखा । पत्र में कहा गया कि चारधाम यात्रा के अन्तर्गत स्थान गंगनानी (बड़कोट) में अराजक तत्व द्वारा राजकीय कार्य सम्पादन में बाधा उत्पन्न करने की कुचेष्टा की जा रही है। पत्र में कहा गया कि जिला पंचायत द्वारा चार धाम यात्रा के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य सम्पादित किये जा रहें है जिसमें स्थान गंगनानी (बड़कोट) में तीर्थ यात्रीयों एवं स्थानीय लोगों के लिए गेस्ट हाऊस का निर्माण किया जा रहा है, गेस्ट हाउस निर्माण कार्य से तीर्थ यात्री एवं रवांई घाटी के सम्पूर्ण जनमानस लाभान्वित होगें। गेस्ट हाऊस के निर्माण प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है।
संज्ञान में आया है कि कतिपय व्यक्तियों द्वारा जिला पंचायत को आवन्टित भूमि जिस पर गेस्ट हाउस निर्मित किया जा रहा है, पर अपना अधिकार जताते हुए उक्त जनहित के कार्य में अवरोध किया जा रहा है। निर्माण कार्य आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत उत्तराखण्ड शासन की स्वीकृति के उपरान्त जिला पंचायत द्वारा अपनी भूमि पर ही किया जा रहा है, प्रकरण में सम्बन्धितों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही कराने की मांग की गई है।