उत्तराखंडदेहरादून

देहरादून: सड़कों से गायब हो जाएंगे ‘सिटी बस’ और ‘विक्रम’

देहरादून में जल्द ही बंद होंगी डीज़ल से संचालित होने वाले सिटी बस और विक्रम। वहीं अब अनुदान योजना की शुरुवात सबसे पहले दून शहर में की जाएगी।

देहरादून शहर (Dehradun city) की दूषित होती हवाओं को स्वच्छ बनाने की पहल शुरू हो गई है। अब जल्द ही देहरादून की सड़कों से सिटी बस और विक्रम (City Bus and Vikram) हटाए जाएंगे। अनुदान योजना के तहत डीजल सार्वजनिक यात्री वाहनों के संचालकों को नई सीएनजी-इलेक्टि्रक या स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन से संचालित बस खरीदने के लिए अनुदान सबसे पहले दून में मिलेगा। इसके बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

सरकार की और से स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन निति के तहत अनुदान योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें सिटी बस या विक्रम (City Bus and Vikram) के परमिट को सरेंडर करने और वाहन स्क्रैप कराने का प्रमाण पत्र देने पर 25 से 32 सीट की नई सीएनजी या स्वच्छ ईंधन बस खरीदने के लिए वाहन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा। वहीं वाहन को स्क्रैप किए बिना परमिट सरेंडर करने पर वाहन लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा।

केंद्र की स्केप पॉलिसी के तहत 15 साल से अधिक डीज़ल वाहनों को प्रतिबंधित किया जा रहा है। फ़िलहाल देहरादून (Dehradun) की सड़कों पर 170 बसें चल रही है वहीं विक्रमों की संख्या 470 के करीब है। अनुदान योजना को लेकर दून के सिटी बस और विक्रम संचालकों ने खुशी जाहिर की है।

इलेक्टि्रक चार्जिंग स्टेशन भी है चुनौती:
इलेक्टि्रक वाहनों के सामने और भी बड़ी चुनौती है। फिलहाल शहर में एक भी सरकारी इलेक्टि्रक चार्जिंग स्टेशन नहीं है। यदि विक्रम या सिटी बस संचालक इलेक्टि्रक वाहन की खरीद करना भी चाहें तो राह आसान नहीं होगी। शहर में कई विभाग इलेक्टि्रक चार्जिंग स्टेशन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक एक भी स्टेशन बन नहीं पाया है।

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