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Dwarka Expressway: 20 फ्लाईओवर, Eiffel Tower से 30 गुना ज्यादा स्टील का इस्तेमाल

दिल्ली-गुरुग्राम के लाखों लोगों का इंतजार आज खत्म हो गया है। सभी के लिए आज खुशी का दिन है। आज पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर दिया है।

Dwarka Expressway: आज दिल्ली-गुरुग्राम के लाखों लोगों के वर्षों का इंतजार खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज द्वारका एक्सप्रेस-वे के गुरुग्राम के भाग का उद्घाटन किया है। पीएम मोदी ने बजघेड़ा बॉर्डर से गुरुग्राम की सीमा में प्रवेश किया, जहां राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद गांव बसई के सामने कुछ दूरी तक रोड शो भी किया। फिर सेक्टर-84 स्थित जनसभा स्थल पर लोगों को संबोधित किया।

 

गुरुग्राम भाग का निर्माण हुआ पूरा

बता दे कि द्वारका एक्सप्रेसवे की पूरी लंबाई 29 KM है। जिसमें से 10KM का हिस्सा दिल्ली में है और बाकि 19KM का हिस्सा गुरुग्राम में हैं। आज पीएम मोदी ने गुरुग्राम का 19KM के हिस्से का उद्घाटन किया है। बता दे कि दिल्ली भाग में टनल का निर्माण लगभग 10 प्रतिशत बाकी है। यह देश का सबसे अनोखा एक्सप्रेस-वे है। अभी देश के भीतर कहीं भी सिंगल पिलर पर आठ लेन का एक्सप्रेस-वे नहीं है। पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा के ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है।

एक्सप्रेस-वे से प्रदूषण स्तर होगा कम

द्वारका एक्सप्रेस-वे से प्रदूषण का स्तर भी काफी कम होने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे के ऊपर पीक आवर के दौरान ही नहीं, बल्कि 24 घंटे ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है। बता दे कि सिरहौल बॉर्डर से प्रतिदिन औसतन साढ़े तीन लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से रात नौ बजे के दौरान एक्सप्रेस-वे पर वाहन रेंगने को मजबूर हैं। ऐसे में नए एक्सप्रेस-वे के चालू होने के बाद से  दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा के ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है।

नए एक्सप्रेस-वे की खासियत

द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है। एक्सप्रेस-वे की लंबाई केवल 29 किलोमीटर है। जिसमें से 19KM का हिस्सा गुरुग्राम में हैं। बाकी 10KM का हिस्सा दिल्ली में है।

नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च 

देश के अनोखे एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। पूरे 29KM के हिस्से में 23 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर टनल का बनाया जा रहा है।

गुरुग्राम-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को दो-दो हिस्सों में बांटा गया

एक्सप्रेस-वे के गुरुग्राम के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक निर्माण कंपनी के पास है। वहीं दिल्ली इलाके के दोनों भागों की जिम्मेदारी जय कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक निर्माण कंपनी के पास है।

दिल्ली इलाके में पहला भाग गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है। दिल्ली इलाके में दूसरा भाग बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है।

गुरुग्राम इलाके में पहला भाग खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से धनकोट के नजदीक तक लगभग 8.76 किलोमीटर का है।गुरुग्राम इलाके में दूसरा भाग बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक लगभग 10.2 किलोमीटर का है।

एफिल टावर की तुलना में 30 गुना अधिक स्टील का इस्तेमाल 

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है।

बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक कंक्रीट का इस्तेमाल

साथ ही 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है। प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है। द्वारका एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे एयरपोर्ट पहुंचने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है।

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