वर्ष 2021 में कुंभ मेले के दौरान कोरोना की रैपिड व आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर एक फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोविड जांच के लिए देहरादून की लैब ने सरकार से 84 लाख रूपए लिए थे। लेकिन लैब संचालक द्वारा कोरोना की रैपिड व आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है।
मामले के सामने आते ही पटेलनगर थाने में डीएनए लैब संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं इसी मामले को लेकर तीन लैब संचालको के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में पहले से ही मुकदमे दर्ज किए गए है।
बता दें कि हरिद्वार कुंभ मेले में कई लैब्स को श्रद्धालुओं के कोविड जांच का काम सौंपा गया था। लेकिन मेला समापन के बाद पता चला की लैब संचालकों ने बड़े पैमाने पर कोविड जांच में जो भी सरकार से जांच हेतु पैसा लिया था उसमें फर्जीवाड़ा किया था। कई श्रद्धालुओं के अलग अलग तिथियों में रैपिड व आरटीपीसीआर जांच की गई थी। कई मरीज़ो के पते अलग अलग थे। इस पूरे फर्ज़ीवाड़े की जांच ईडी को सौंपी गई थी। ईडी ने जांच में हरिद्वार के कई लैबों पर मुकदमा दर्ज किया था। इसी कड़ी में अब देहरादून कारगी चौक स्तिथ एक निजी लैब का भी नाम जुड़ गया है।
लैब के आईसीएमआर डेटा की जांच की तो पता चला कि आईसीएमआर पोर्टल पर की गई आधे से ज्यादा जांच नकली है। एक ही समय में कई लोगों की जांच और कई के पटे दूसरे दर्शाये गए थे। प्राथमिक जांच के बाद लैब संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्ज़ीवाड़े का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया की मामले की जांच शुरू हो गयी है और जल्द ही अगली कार्रवाई की जाएगी।