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Braj Holi: जानिए ब्रज में किस दिन कौन-सी होली जाएगी

ब्रज में होली का उत्सव शुरू हो गया है और अब हर रोज कान्हा जी को गुलाल लगाया जा रहा है। ब्रज में 40 दिन तक होली का उत्सव मनाया जाएगा। उत्सव की शुरुआत बांके बिहारी मंदिर से हो गई है और समापन रंगनाथ मंदिर में होगा।

Braj Holi: पूरे देश में होली के त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन कान्हा की नगरी ब्रज की होली(braj ki holi) की धूम अलग ही देखने को मिलती है। ब्रज की होली को देखने के लिए केवल देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लाखों लोग आते हैं। सभी कान्हा जी की भक्ति के साथ-साथ रंगों में भी लीन हो जाते है। ब्रज की होली का महोत्सव बसंत पंचमी से शुरू हो जाता है, जो 40 दिनों तक चलता है। 

बसंत पंचमी से शुरू हुआ होली उत्सव

बसंत पंचमी के दिन से होली उत्सव की शुरुआत हो जाती है। इस वर्ष 14 फरवरी के दिन बसंत पंचमी थी, इसी दिन वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सुबह श्रृंगार आरती के बाद भगवान के गालों पर गुलाल लगाया गया। इसके बाद प्रसाद के रूप में गुलाल भक्तों पर डालकर बृज की होली महोत्सव का शुभारंभ किया गया। बसंत पंचमी के दिन होलिका दहन के स्थलों पर होली का डांडा गाड़े जाने की भी परंपरा है। 

मनमोहक होता है होली के 40 दिन का उत्सव

ब्रज के मंदिर में हर रोज सुबह-सुबह भगवान कृष्ण को अबीर गुलाल लगाने की परंपरा भी शुरू कर दी गई है। हालांकि होलिका दहन 24 मार्च को है और होली का उत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन ब्रज नगरी में अभी से होली की गजब रौनक देखने को मिल रही है। बता दे होली का उत्सव द्वापर युग से मनाया जा रहा है। 

सात समंदर पार से आते है श्रद्धालु

केवल देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से भी ब्रज की होली उत्सव को देखने और शामिल होने के लिए लोग आते हैं। अपनी अनूठी परंपराओं को लेकर देश और दुनिया में विशेष पहचान रखने वाली ब्रज की होली में होली गीत, पद गायन की प्राचीन परंपरा है, जिसे समाज गायन भी कहा जाता है। बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में ब्रजभाषा में रोजाना ठाकुरजी के सामने होली पदों का गायन किया जाता है। गोस्वामी समाज गायन के दौरान आपस में एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

देश-विदेश से लोगों का आगमन हुआ शुरू

बसंत पंचमी से शुरू हुई ब्रज की अनूठी होली के कार्यक्रमों को देखने और इसमें शामिल होने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालुओं का ब्रज में आगमन शुरू हो गया है। बताया जा रहा कि है होली के दौरान ब्रज में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

ये होंगे होली के मुख्य कार्यक्रम

  • 12 मार्च 2024 फुलेरा दूज, फूलों से खेली जाती है होली
  • 17 मार्च 2024 को फाग आमंत्रण नंदगांव और बरसाना में लड्डू होली
  • 18 मार्च 2024 को बरसाना में लठमार होली होगी
  • 19 मार्च 2024 को नंदगांव में लठमार होली खेली जाएगी
  • 20 मार्च 2024 को रंगभरी एकादशी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में होली के रंग दिखेंगे
  • 21 मार्च 2024 को गोकुल में छड़ीमार होली की धूम रहेगी।
  • 24 मार्च 2024 होलिका दहन, फालैन में रात्रि में जलती होलिका से निकलेगा पंडा
  • 25 मार्च 2024 होली उत्सव, धुलेंडी
  • 27 मार्च 2024 को दाऊजी का हुरंगा, जाब गांव में हुरंगा, मुखराई में चरकुला नृत्य
  • 02 अप्रैल 2024 को वृंदावन के रंगजी मंदिर में होली उत्सव का आयोजन

यदि आप सभी को भी ब्रज की होली देखने का मौका आज तक नहीं मिला है। तो आप सभी भी अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ होली महोत्सव में जरूर शामिल हो सकते हैं।

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