Back Pain: कमर दर्द के साथ यह समस्याएं बन सकती यही कैंसर का कारण
महीने भर तक कमर दर्द के साथ वेट लॉस, फीवर, जैसी अन्य बीमारी हो तो यह कैंसर के हो सकते है संकेत।
इन दिनों कमर दर्द की समस्या होना आम बात है। मामूली दर्द समझ कर कई बार लोग इसे नज़रअंदाज़ भी कर देते है। लेकिन अगर आप भी इसी हल्का दर्द समझने की गलती कर रहे है तो जरा रुक जाए। अगर आपको एक माह से ज्यादा समय तक कमर दर्द और साथ ही वेट लॉस, फीवर, पेशाब नहीं रुकना, पाचन खराब रहने जैसी समस्या है तो यह गंभीर बीमारी कैंसर के संकेत हो सकते है और जब तक हमे कैंसर का पता चलता है तब तक कैंसर सेल्स पूरी तरह हमारे शरीर में फैल जाते हैं।
कैंसर से जुड़े लक्षणों के बारे पता रहे। कमर दर्द इन कैंसर का मुख्य कारण हो सकता है-
पैनक्रिएटिक कैंसर में भी ट्यूमर के रीढ़ की हड्डी को दबाने के कारण दर्द शुरु हो जाता है। इसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
स्पाइनल कैंसर के प्रमुख लक्षणों में सुन्नता, कमजोरी, हाथ और पैरों में संतुलन की समस्या और लकवा भी शामिल हैं।
ब्रैस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का सबसे आम और प्रमुख प्रकार है। ब्रैस्ट कैंसर धीरे-धीरे हड्डियों में पहुंच जाता, है जिससे कमर दर्द मुख्य रूप से पीठ के ऊपरी हिस्से और कंधों में दर्द का कारण बनता है।
जिस व्यक्ति को फेफड़ों का कैंसर होता है, उन लोगों में कमर दर्द की समस्या देखने मिलती है। फेफड़ों के कैंसर में ट्यूमर जब रीड़ की हड्डी को दबाने लगता है, तो कमर दर्द शुरु हो जाता है। कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, अगर फेफड़ों का कैंसर हड्डियों तक फैल जाए तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। यह पीठ दर्द फेफड़ों के कैंसर के अन्य लक्षणों के साथ हो सकता है जिसपर भी गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
पीठ में दर्द का एक संकेत रीढ़ की हड्डी का कैंसर भी हो सकता है। हालांकि यह काफी नामुमकिन है लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं जाना चाहिए। लेकिन हो सकता है कि यह स्पाइनल कैंसर का लक्षण हो। अगर रीढ़ की हड्डी में कैंसर की वजह से दर्द है तो यह दर्द समय के साथ काफी बढ़ता जाएगा। इसके साथ ही आपके शरीर के दूसरे हिस्सों में भी यह दर्द फैल सकता है।
वहीं चिकिस्तकों का कहना है की कमर में दर्द होने का यह मतलब नहीं है कि ये कैंसर है। सामान्य उपायों जैसे स्ट्रेचिंग और दवाओं के साथ शरीर को पॉश्चर को ठीक रखकर कमर दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। हालांकि अगर आपको फेफड़ों से संबंधित कुछ समस्याओं का अनुभव हो रहा हो तो निश्चित रूप से तुरंत किसी चिकित्सा पेशेवर को दिखाना चाहिए।
Disclaimer: संबंधित लेख केवल जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखा गया है। लेख में दी हुई जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।