उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने पाखरो रेंज घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण से संबंधित पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत व उनकी बहू अनुकृति गुसांई को ईडी ने समन भेजा हैं। ईडी ने हरक सिंह रावत को 29 फरवरी को पूछताछ के लिए अपने कार्यालय बुलाया है।
14 फरवरी को हरक सिंह रावत के घर हुई छापेमारी के दौरान ईडी की ओर से बरामद दस्तावेज, नकदी व गहनों व साथ ही कार्बेट अभयारण्य की पाखरो रेंज में पेड़ कटान, अवैध निर्माण और जमीन धोखाधड़ी के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर सकती है।
जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में ईडी ने बिरेंद्र सिंह कंडारी व अन्य पर पूर्व में दर्ज मुकदमे की एफआइआर को जांच को आधार बनाया है। जमीन की धोखाधड़ी में पूर्व वन मंत्री की संलिप्तता का जिक्र किया गया है।
ईडी की जांच में सामने आया था कि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने नरेंद्र वालिया के साथ मिलकर साजिश करते हुए दो पावर आफ अटार्नी तैयार की। जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इस जमीन को अवैध तरीके से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को बेचना दिखाया गया।
वहीं कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अवैध निर्माण के मामले में सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद, तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी और अन्य पर दर्ज एफआइआर से जुड़ा है। इस घोटाले में भी पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को संलिप्त बताया गया है।