उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शरद शर्मा ने 19 फरवरी को नैशनल कंपनी लॉ अपीलियेट ट्राइब्यूनल(एन.सी.एल.ए. टी.)के न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए शपथ ग्रहण समारोह में न्यायाधीश शरद शर्मा को चेन्नई बेंच के ज्यूडिशियल मेम्बर की शपथ दिलाई गई।
न्यायाधीश शरद शर्मा का कार्यक्षेत्र दक्षिण क्षेत्र के तमिल नाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत लगी हुई यूनियन टेरिटरी होगा। उन्हें, चेयरमैन जस्टिस अशोक भूषण ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ दिल्ली के योगेश खंन्ना ने शपथ ली जो उत्तर भारत का हिस्सा देखेंगे। दिल्ली के एन.क्लैट ट्राइब्यूनल के कार्यालय में हुए शपथग्रहण समारोह में विशिष्ठगण शामिल हुए। न्यायाधीश शरद शर्मा कंपनी लॉ से जुड़े विवादों का निस्तारण करेंगे।
न्यायमूर्ति शरद शर्मा ने अलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहे और वर्ष 2000 में ऊत्तराखण्ड बनने के बाद नैनीताल उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए आए थे। वो नैनीताल उच्च न्यायालय में वर्ष 2017 न्यायाधीश एलिवेट हुए। न्यायमूर्ति 29 दिसंबर 2023 को उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए थे। अब उन्हें नैशनल कंपनी लॉ अपीलियेट ट्राइब्यूनल(एन.सी.एल.ए. टी.)के न्यायाधीश के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। न्यायमूर्ति शरद शर्मा का अलाहाबाद और नैनीताल में घर है।