प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां लंबे समय से अपनी मांगों एवं समस्याओं के लिए सरकार एवं विभाग से समाधान हेतु निवेदन करते चले आ रहे है लेकिन सरकार एवं विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है वही आज आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां ने सचिवालय कूच भी किया आज आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां को आश्वासन दिया गया… बता दो की दो वर्ष पूर्व 30/09/2022 को मुख्यमंत्री आवास, रैली के माध्यम से सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया… तथा पिछले वर्ष 25/09/2023 को भी प्रदेश स्तरीय रैली के माध्यम से उच्च अधिकारियों एवं शासन प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं पर आकर्षित किया गया, विगत माह पहले माननीय विभागीय कैबिनेट मंत्री जी द्वारा समस्याओं का संज्ञान तो लिया गया किंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है की भारत सरकार द्वारा रुपए 4500 तथा राज्य सरकार द्वारा 4800 मानदेय दिया जाता है एवं सहायिकाओं को भारत सरकार द्वारा रुपए 2250 तथा राज्य सरकार द्वारा रुपए 3000 मानदेय दिया जाता है ।कई राज्यों में आंगनबाड़ी कर्मचारी का अतिरिक्त मानदेय भी दिया जाता है इन कर्मचारियों का मानदेय 5 वर्ष में एक बार संशोधित होता है इन्हें कोई महंगाई भत्ता या वेतन वृद्धि नहीं दी
जाती श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि, और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिलता। वर्तमान महंगाई को देखते हुए और कार्य की अधिकता को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बहुत कम है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का सरकार द्वारा अत्यधिक शोषण किया जाता है और उनकी स्थिति बंधवा मजदूर की तरह है। दिनांक 26/12/2023 को निदेशालय स्तर पर निदेशक महोदय से संघ के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई, उस वार्ता में भी किसी प्रकार का कोई समाधान नहीं निकला।
सरकार की इस अनदेखी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में काफी रोज व्याप्त है अगर सरकार 05 दिनो के अन्दर अन्दर संगठन के प्रतिनिधियों से इन समस्याओं एवं मांगो पर बैठक का समय नही देती तो मजबूरन संघ ने आगामी 20/02/2024 से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है कार्य बहिष्कार के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां केंद्र खोलकर उपस्थित रहेंगे, लेकिन किसी भी प्रकार का कार्य ऑनलाइन या ऑफलाइन विभागीय एवं गैर विभागीय सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे, संघ का आहवान है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों / समस्याओं का शासनादेश अथवा लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कार्य बहिष्कार पर रहेगा। अतः समय रहते संघ के प्रतिनिधियों को वार्ता हेतु बुलाने की कृपा करें।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों 7 सात मांगे है
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जब तक राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तो उनका काम के बदले उचित दान दिया जाए उनका मानदेय प्रतिदिन की न्यूनतम मजदूरी ₹600 के हिसाब से 18,000/- रुपए प्रतिमाह दिया जाए।
- मिनी आंगनवाड़ी केदो के उच्चीकरण की सहमति भारत सरकार द्वारा दी जा चुकी है, लेकिन राज्य सरकार ने विभागीय स्तर पर इसमें अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की, उच्चीकरण प्रक्रिया जल्द शुरू करने कृपा करें।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए भविष्य निधि की सुविधा प्रदान करने की कृपा की जाए।
- सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़कर 62 वर्ष करने की कृपा करें।
- सेवानिवृत होने पर पेंशन का लाभ दिया जाए।
- माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार ग्रेच्युटी का लाभ दिया।
- कुक्ड फूड योजना के अंतर्गत आठ रूपए की वर्तमान भोजन दर अपर्याप्त है और बच्चों में कुपोषण बढ़ रहा है जीवन यापन की वर्तमान लागत को ध्यान में रखते हुए भजन दर को संशोधित कर सामान्य बच्चों के लिए 16 रुपए और कुपोषित बच्चों के लिए 24 रुपए किए जाने की कृपा करें।
समस्याएं
- वर्तमान में विभाग द्वारा अधिकांश कार्य ऑनलाइन कराए जा रहे हैं पिछले दिनों विभाग द्वारा जो फोन उपलब्ध कराए गए थे सभी खराब हो चुके हैं कृपया नए फोन उपलब्ध कराने की एवं समय पर रिचार्ज की व्यवस्था की जाने की कृपा करें ताकि आंगनबाड़ी केदो का संचालन सुचारु रूप से चल सके।
- राज्य में कई आंगनबाड़ी केदो में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पादरा वर्षों से रिक्त पड़े हैं लेख जिनमें संचालन में बहुत परेशानियां हो रही, इन रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाने की कृपा करें।
- अन्य विभागों का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से न कराया जाए अगर अन्य विभागों के कार्य में ड्यूटी लगाई जाती है तो उसे अवधि के दौरान विभागीय कार्यों से मुक्त
- रखा जाए कई विभागों में एक साथ ड्यूटी लगाई जाने से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का को मानसिक तनाव हो रहा है।
- आंगनबाड़ी केदों में नई कुक्ड फूड व्यवस्था पर बदलाव किया जाए कुक्ड फूड की धनराशि काम है जिसमें की वर्तमान मीनू अनुसार खाना बनाने में परेशानी हो रही है।
- दुलान की समस्या, पोषण अभियान एवं महिला पोषण अभियान के अंतर्गत दूध अंडा चिप्स एवं मोटे अनाज गेहूं चावल गर्भवती धात्री एवं बच्चों को दिए जाने वाली समस्त सामग्री आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचाई जाए महोदय जी जब से योजनाएं शुरू हुई है तब से कार्यत्रियों द्वारा स्वयं अपने पैसे खर्च करके सेक्टरों से सामग्री अपने केदो में पहुंचती आ रही है जिसमें उनके हर महीने 400 से 500 दुलान में खर्च हो रहे हैं, महोदय से निवेदन है केंटो के लिए भेजी जाने वाली सामग्री केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाने की कृपा करें।