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बनभूलपुरा में हुए दंगे के 41 असलहे खोलेंगे मरने वालों की मौत का राज

उत्तराखंड के हल्‍द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में 8 फरवरी को भड़की ह‍िंसा के पांच द‍िन बाद हालात समान्‍य होने लगे हैं. अधिकारियों ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर शेष हल्द्वानी से कर्फ्यू हटा लिया गया है, जिसके बाद प्रशासन ने आवश्यक सेवाओं को सुव्यवस्थित करना शुरू कर दिया है. बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के अब तक 41 लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए जा चुके हैं। इन सभी शस्त्रों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। यह देखा जाएगा कि जिन लोगों की गोली लगने से मौत हुई है, कहीं ये गोली इन्हीं असलहों से तो नहीं चलाई गई थी। यदि ऐसा हुआ तो संबंधित लाइसेंसी शस्त्रधारक को भी गिरफ्तार किया जाएगा और उसके खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया है कि दंगे में शामिल लोगों को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी और इसकी शुरुआत दंगाइयों के मकानों से होगी। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि बख्शा उन्हें भी नहीं जाएगा, जो इन दंगाइयों के मददगार हैं। वो पुलिस के रडार पर पहले हैं, जो दंगे के बाद घर छोड़ कर फरार हो गए हैं।

बता दें कि दंगे में शामिल 19 लोगों के नाम पुलिस के पास हैं और 17 लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन इस मामले में 6 हजार के करीब अज्ञात दंगाई हैं। कोतवाली सभागार में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा, हर दंगाई को इस दंगे की भारी कीमत चुकानी होगी। कानूनी तरीके से इन पर कार्रवाई होगी। अधिकांश दंगाइयों के घरों को चिह्निकरण कर लिया गया है और अब इनके दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए गए हैं। उन घरों को भी जांचा जा रहा है, जिन पर ताले लगे हैं। वसूली के लिए इनकी संपत्तियां भी कुर्क की जाएंगी।

कोर्ट से मिले पुलिस को गिरफ्तारी के आर्डर

एसएसपी ने बताया कि नामजद लोगों में से 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अभी मास्टर माइंड अब्दुल मलिक समेत बाकी बचे 13 लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। इन सभी की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से ऑर्डर मिल चुका है। टीमों को इन सभी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दे दिए हैं। इसके अलावा अज्ञातों की शिनाख्त परेड तेजी से कराई जा रही है। वीडियो, फोटो व सीसीटीवी से इनकी पहचान की जा रही है।

जंगल में गुजार रहे थे रात, सोते हुए पकड़े गए

घटना की रात ही तमाम दंगाई बनभूलपुरा छोड़कर फरार हो गए थे। भागने का यह सिलसिला तीन दिनों तक जारी रहा। सख्ती होने के बाद कई लोग जंगलों में छिप गए। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह पुलिस ने गौला पुल पार जंगल में सर्च अभियान चलाया तो तीन लोगों को यहां से सोते पकड़ा गया। ये सभी अपने घरों से कंबल लेकर निकले थे और पुलिस सख्ती की वजह से शहर छोड़कर फरार नहीं हो पाए।

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