एशियाई और राष्ट्रमंडल पदक विजेता दिव्या काकरान डोप टेस्ट में फेल
2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में और 2018 और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में जीता है कांस्य पदक। डोप टेस्ट फेल होने पर लग सकता है चार साल का प्रतिबंध।
देश की प्रतिष्ठित पहलवान दिव्या काकरान डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) द्वारा लिए गए उनके आउट ऑफ कंपटीशन सैंपल में प्रतिबंधित स्टेरायड मिथाइल टेस्टोस्टेरॉन पाया गया है। इस कारण उन्हें नाडा ने अस्थाई रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। अगर वह अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पातीं तो उन पर अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लग सकता है।
15 दिसंबर को लिया गया था सैंपल
सूत्रों के मुताबिक, नाडा ने बीते वर्ष 15 दिसंबर को दिव्या का सैंपल उनके मुजफ्फरनगर स्थित आवास से लिया था। इस सैंपल की टेस्टिंग विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय डोप टेस्ट लैबोरेटरी (NDTL) में की गई थी। टेस्ट रिपोर्ट में एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक स्टेरायड की मौजूदगी पाई गई, जिसके बाद नाडा ने 10 जनवरी से उन्हें अस्थाई प्रतिबंधित कर दिया। इस प्रतिबंध के चलते वह हाल ही में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी हिस्सा नहीं ले सकीं।
बी सैंपल भी हो चुका है टेस्ट
सूत्रों का कहना है कि दिव्या ने इस टेस्ट रिपोर्ट के बाद अपना बी सैंपल भी टेस्ट के लिए दे दिया है। अब दोनों सैंपलों के नतीजे मिलने का इंतजार है।
दिव्या का शानदार खेल प्रदर्शन
दिव्या ने अपने करियर में कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में 68 भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2018 और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी कांस्य पदक अपने नाम किया। वह दो बार एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और 2017 में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप का भी स्वर्ण जीता है। उन्हें 2020 में देश के प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
अब आगे क्या?
अब सभी को दिव्या के बी सैंपल के टेस्ट रिजल्ट और नाडा के सुनवाई पैनल के फैसले का इंतजार है। अगर वह अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाती हैं तो उन पर चार साल तक का प्रतिबंध लग सकता है, जिससे उनका खेल करियर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।