उत्तराखंड दरोगा भर्ती धांधली मामले में निलंबित हुए 2015 बैच के निलंबित 20 दरोगाओं (एक दरोगा की सड़क हादसे में मृत्यु हो चुकी है) के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। विजिलेंस की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर एक साल से सस्पेंड चल रहे सभी दरोगाओं को राहत देते हुए एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने सभी जिलों के कप्तानों को पत्र लिखकर दरोगाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं साथ ही सभी दरोगाओं को विजिलेंस की जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है।
वहीं दरोगा भर्ती धांधली की जांच विजिलेंस द्वारा जारी रहेगी और यदि कोई भी दरोगा दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा कि इनमें से कई दरोगा ऐसे हैं, जिनके खिलाफ धांधली के साक्ष्य नहीं मिले हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय इस पर शासन को ही लेना है।
यह था मामला
बता दें कि साल 2015-16 में दारोगा के 339 पदों पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने सीधी भर्ती परीक्षा कराई थी। इस भर्ती में धांधली का मामला सामने आने के बाद साल 2022 के दौरान UKSSSC की ओर से कराई गई अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में नकल और लेन देने का पर्दाफाश हुआ था।
भर्ती पर सवाल उठने के बाद तत्कालीन डीजीपी अशोक कुमार ने 26 अगस्त 2022 को शासन को पत्र भेजकर दारोगा भर्ती में लगे घोटाले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच विजिलेंस जांच से करने की अनुमति दी और दारोगा भर्ती परीक्षा की भी जांच हुई तो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जनवरी 2023 में 20 दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया था।
ये दरोगा हुए बहाल
देहरादून : ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा व निखिलेश बिष्ट
ऊधमसिंहनगर : दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश व संतोषी
नैनीताल : नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अभिसूचना), प्रेमा कोरमा व भावना बिष्ट
पौड़ी : पुष्पेंद्र (पिछले साल सड़क हादसे में मृत्यु हो चुकी)
चमोली : गगन मैठाणी
चंपावत : तेज कुमार
एसडीआरएफ : मोहित सिंह रौथाण