गुलदार आतंक: गुलदार के हमले से बाल बाल बचा मासूम, पर शरीर हुए गहरे जख्म
गुलदार के हमले में घायल हुए 5 वर्षीय बालक के शरीर पर गहरे जख्म हो गए है। फिलहाल बच्चे की जान खतरे से बाहर है लेकिन आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है।
उत्तराखंड में गुलदार की दहशत लगातार बढ़ रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदारों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग श्याम होने के बाद अपने अपने घरों में दुबक कर बैठ जाते है। इसी बीच रुद्रप्रयाग के खलिया गांव में एक गुलदार ने पांच वर्षीय बच्चे पर हमला कर मासूम को लहूलुहान कर दिया। गुलदार के हमले में बच्चे की जान तो बच गयी लेकिन बच्चे के सिर, पैर और हाथ पर गहरे जख्म हो गए हैं।
चिकिस्तकों के मुताबिक बच्चे की हालत खतरे से बाहर है। बच्चे का उपचार किया जा रहा है।
बच्छणस्यूं क्षेत्र के खल्यां गांव में बीती रात सायं करीब 6ः30 बजे अपने घर के आंगन में खेल रहे 4 वर्षीय बालक आदर्श राणा पुत्र त्रिलोक राणा पर घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक हमला कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा शोर किए जाने पर गुलदार भाग खड़ा हुआ परंतु इस घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
जानकारी देते हुए सदस्य जिला पंचायत नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उक्त बालक को घायल अवस्था में जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में लाया गया जहां चिकित्सकों द्वारा उसका ईलाज किया गया तथा प्राथमिक उपचार के बाद बालक को छुट्टी दे दी गई। ग्रामीणों द्वारा ये मांग की गई है कि वन विभाग द्वारा गुलदार को पकड़ने हेतु पिंजरा लगाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
प्रदेश में होते लगातार मानव-वन्यजीव संघर्ष में पिछले वर्ष 2023 तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पर्वतीय जिलों में पिछले कुछ समय में गुलदार की दहशत बहुत बढ़ गई है। जंगलो या झाड़ियों के पीछे घात लगाए बैठे गुलदार अचानक से ही लोगों पर हमला कर रहे है जिससे लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिल रहा और लोग अपनी जान गवां रहे है। गुलदार की बढ़ती दहशत से लोग लगातार इन जंगली जानवरों को पकड़ने की मांग कर रहे है।