मई 2022 में एसटीएफ ने UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली की जांच शुरू की। जांच में कई आरोपियों और नकल माफिया को गिरफ्तार भी किया गया। इस बीच पहले कुछ और भर्तियों में धांधली की बात सामने आई। 2015 में हुई दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था। विजिलेंस ने आठ अक्तूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था
वही विजिलेंस ने दरोगा भर्ती धांधली में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कई दरोगाओं ने गलत तरीके से यह परीक्षा में पास होकर भर्ती हुए। वही कई दरोगाओं पर गलत तरीके से भर्ती होने के कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। आपको बता दें कि 20 दरोगा पिछले साल जनवरी से सस्पेंड चल रहे हैं।
जांच की शुरूआत में शक जताया गया था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से कम से कम 33 फीसदी दरोगा नाकाबिल हैं। इनमें से ज्यादातर को अपनी केस डायरी तक लिखना नहीं आता है। इन सब कामों के लिए भी वह दूसरों का सहारा लेते हैं। 2015 में कुल 339 दरोगा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती हुए थे और जिसमे विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर ली है।
जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शासन स्तर पर ही बैठक कर इस पर अगली कार्रवाई की जाएगी। अब इन दरोगाओं की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इनके भविष्य का फैसला शासन में ही किया जाना है।
विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर पर ही बैठक कर इस पर अगली कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो तथ्य आए हैं, उनसे शासन को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। – डॉ. वी मुरुगेशन, निदेशक विजिलेंस