उत्तराखंड शासन के पंचायती राज विभाग ने नंदा देवी राजजात यात्रा में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त कर दिया है। उन पर अपने पद और अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप है।
सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने जारी आदेश में कहा कि गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में यह भी पाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने निविदा समिति की सिफारिश पर न्यूनतम बोलीदाता के बजाए अधिकतम बोलीदाता की निविदाएं मंजूर की। कुछ कार्यों में एकमात्र निविदाओं को मंजूर किया गया। अपने पद और अधिकारों का दुरूपयोग करने के अपराध में उनको पद से हटा दिया गया है।
आपको बता दें कि पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी पर पर नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन आरोपों की पुष्टि पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने की है।
इससे पहले भी रजनी भंडारी को 25 जनवरी 2023 को भी बर्खास्त किया था, लेकिन तब नैनीताल हाईकोर्ट ने उनके बर्खास्त के आदेश को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद वह बहाल हो गई थी, लेकिन एक बार फिर अब आरोपों के चलते उनको बर्खास्त कर दिया गया है।
रजनी भंडारी को बर्खास्त करने के बाद अब जिला पंचायत की जिम्मेदारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण रावत को दी है।
यह था आरोप:
नंदा देवी राजजात यात्रा वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग द्वारा प्राप्त धनराशि के सापेक्ष जिला पंचायत चमोली में स्वीकृत कार्यों के लिए निविदा समिति द्वारा संस्तुत न्यूनतम दर वाली निवदाओं के इतर अधिक दर वाली निवदाओं को स्वीकृत किए जाने के आरोप रजनी भंडारी पर लगे हैं।
रजनी भंडारी का प्रकरण पूर्व ब्लाक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर हुई जांच की सिफारिश के बाद पंचायती राज विभाग की ओर से 25 जनवरी 2023 को एक आदेश जारी करके रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाया था। इसी क्रम में अब दोबारा कार्रवाई उन पर की गई है।