Vijay Diwas: जब 13 दिन भारत से चली जंग ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया
पूर्वी पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसम्बर 1971 को आत्मसमर्पण के कागजों पर दस्तखत किए थे। इस तरह पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश का जन्म हुआ था।
अंग्रेजों द्वारा जब भारत का बंटवारा हुआ था तब पाकिस्तान के दो टुकड़े किए गए थे। जिसमें पाकिस्तान को पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में बांटा गया था। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया था पूर्वी पाकिस्तान के हालात बिगड़ने लगे थे। लगातार हालात बिगड़ने के कारण लोगों का शोषण होना शुरू हो गया था। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान ने अपने उत्तराधिकार की जंग लड़नी शुरू की और 26 मार्च, 1971 को अपनी मांग सामने रख दी थी।
3 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान ने भारत(indo pak war 1971) पर एयर स्ट्राइक करी थी। 3 दिसंबर 1971 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी कलकत्ता में एक जनसभा में मौजूद थी। उसी दौरान शाम के 5 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारतीय वायुसेना की सीमा पार करते हुए श्रीनगर, पठानकोट, अमृतसर, जोधपुर और आगरा के मिलिट्री बेस हमले करने शुरू कर दिए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आधी रात को ऑल इंडिया पर जंग की घोषणा कर दी थी।
4 दिसम्बर 1971 को भारत ने जंग का आगाज कर दिया था। और अपने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन ट्राइडेंट का नाम दिया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत भारतीय नौसेना ने कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोला था। इस हमले में कराची पोर्ट कई दिनों तक आग की लपटों से घिरा रहा था।
भारतीय सेना को 14 दिसम्बर को जानकारी मिली थी कि ढाका के गवर्नमेंट हाउस में दोपहर को बैठक होने वाली है। यह पता चलते ही भारतीय सेना ने गवर्नमेंट हाउस पर बम बरसाकर उसकी छत उड़ा दी थी। इंडियन एयरफोर्स के इस हमले ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था।