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राशन वितरण से सम्बंधित व्यवस्था को लेकर प्रदेश काँग्रेस ने किया प्रदर्शन

काँग्रेस कार्यकर्ताओ के अनुसार राज्य में राशन वितरण से सम्बंधित पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। पूर्व में जब कांग्रेस की सरकार थी तो राज्य के एपीएल कार्ड धारकों को 20-20 किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा था परंतु जब से भाजपा की सरकार आई है, उसको बंद कर दिया गया है। अब मात्र साढ़े सात किलो चावल दिया जा रहा है जो कि एक परिवार के लिए बिल्कुल ही अपर्याप्त है।

राशन वितरण से सम्बंधित व्यवस्था को लेकर आज उत्तराखंड काँग्रेस(Uttarakhand Congress) के कार्यकर्ताओ ने जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। काँग्रेस कार्यकर्ताओ ने इस अवसर पर अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा। काँग्रेस कार्यकर्ताओ के अनुसार राज्य में राशन वितरण से सम्बंधित पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। पूर्व में जब कांग्रेस की सरकार थी तो राज्य के एपीएल कार्ड(APL Card Holders) धारकों को 20-20 किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा था परंतु जब से भाजपा की सरकार आई है, उसको बंद कर दिया गया है। अब मात्र साढ़े सात किलो चावल दिया जा रहा है जो कि एक परिवार के लिए बिल्कुल ही अपर्याप्त है।

इस मौके पर काँग्रेस नेताओ ने कहा की राशन की दुकानों पर गेहूं चावल के अलावा कोई अन्य सामग्री नहीं दी जा रही है जबकि महंगाई आज अपने चरम पर है । रिफाइंड तेल हो, सरसों का तेल, दालें, मसाले और अन्य खाद्य वस्तुएं जिनके दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसी चीजों को राशन की दुकानों पर दिया जाना चाहिए।

राशन डीलरों को लेकर काँग्रेस ने कहा की अब सिस्टम बायोमेट्रिक हो चुका है और अंगूठा लगने के बाद ही राशन दिया जाता है फिर भी राशन डीलरों का कमीशन महीनों लंबित रख कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। आज 10 – 15 महीने गुजर जाने के बाद भी उनका उनका कमीशन नहीं दिया गया है और उनसे फ्री में राशन बंटवाया जा रहा है। ऐसे में उनको अपनी जीविका चलाने के लाले पड़ गए हैं।प्रदेश काँग्रेस ने मांग की कि तत्काल एपीएल कार्ड धारकों को राहत देते हुए 20-20 किलो गेहूं और किलो चावल दिया जाए ।

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