उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान यानि FRI में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जा रही है जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में किया । देहरादून स्थित FRI अपने इस तरह के आयोजनों के लिए जाना जाता है वही FRI अपनी बेहतरीन इमारत के लिए भी विश्वविख्यात है । आज इस लेख में हम बात करने वाले है FRI के इतिहास और इसकी बेहतरीन इमारत की ।
देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान यानि FRI कौलागढ़ रोड पर स्थित एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है। हरे भरे कुदरती नजारों से भरे FRI के अगर इतिहास की बात करें, तो FRI का इतिहास देश की स्वतंत्रता से भी पुराना है। ब्रिटिशकाल में इसकी शुरुआत साल 1878 में इंपीरियल फारेस्ट स्कूल के नाम से की गई थी। इसके बाद साल 1906 में इसे फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में पुनर्स्थापित किया गया।
वहीं, जिस मुख्य भवन से FRI की पहचान है, उसका उद्घाटन साल 1929 में किया गया। देश की स्वतंत्रता के बाद FRI की क्षमता और ख्याति में लगातार बढ़ोतरी होती रही।
आपको बता दें कि साल 1988 में FRI और इसके शोध केंद्रों को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया और साल 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC ने इसके तमाम पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया।
FRI लगभग 450 हेक्टेयर के एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अपनी शानदार इमारत के लिए विश्वभर में प्रसिद्द है। यह इमारत ग्रीको-रोमन और वास्तुकला के औपनिवेशिक शैली के एक अद्भुत समामेलन का प्रतिनिधित्व करती है।
इसके अलावा इस इमारत के परिसर में वानिकी से संबंधित छह संग्रहालय हैं। यह संग्रहालय गैर-लकड़ी के वन उत्पादों, लकड़ी, जंगल-विज्ञान, सामाजिक वानिकी, विकृति विज्ञान और कीटविज्ञान के किस्मों का प्रदर्शन प्रदर्शित करते हैं।
इसकी खासियत ये है कि FRI में देश का सबसे बड़ा हरबेरियम है और यहां दुनियाभर के वनस्पतियों के 3.30 लाख से भी अधिक नमूने हैं। इनमें 1300 वनस्पतियों के ऐसे नमूने हैं, जिन्हें विज्ञानियों ने पहली बार खोजा था, जो आज भी यहां सहेजकर रखे गए है।
इसके अलावा FRI का उपयोग फिल्मों की शूटिंग के लिए भी खूब किया जाता है। जिसको लेकर FRI में आए दिन फ़िल्मी सितारे पहुंचते रहते हैं। यहां बालीवुड की कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई है। इनमें स्टूडेंट आफ द ईयर, रहना है तेरे दिल में और कृष्णा काटेज जैसी कई मशहूर फिल्मे भी शामिल है।
अगर आप भी यहाँ घुमने के इच्छुक हैं तो यहाँ जाने का उचित समय जान लें। पर्यटकों केलिए यह संस्थान सोमवार को छोड़कर अन्य सभी दिनों में सुबह 9.30 बजे से से शाम 5.30 बजे खुला रहता है। इसके अलावा आपको प्रवेश द्वार पर 15 रुपए प्रति व्यक्ति का भुगतान करना पड़ेगा। यदि आप यहां अपनी यात्रा के लिए गाइड का विकल्प चुनते हैं तो प्रति व्यक्ति टिकट 50 रुपये है। यहां नाममात्र का पार्किंग शुल्क भी है।