रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। वही 22 वर्षों के बाद इस साल पहली बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन किये।
आज प्रातः 8.30 बजे शुभ लग्न पर विशेष पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया था।
शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद करने के बाद द्वितीय केदार मद्महेश्वर चल उत्सव डोली में विराजमान हुए। जिसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा की और अपने ताम्र पात्रों के निरीक्षण किय़ा। द्वितीय केदार मद्महेश्वर चल उत्सव डोली में विराजमान होकर मंदिर की परिक्रमा और अपने ताम्र पात्रों के निरीक्षण करते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
वही आज रात्रि प्रवास के लिए डोली गौंडार गांव पहुंचेगी जहां डोली गौंडार गांव में ग्रामीणों द्वारा अपने आराध्य को सामूहिक अर्ध्य लगाया जाएगा। जिसके बाद चल विग्रह डोली 23 नवंबर को डोली रांसी गांव पहुंचेगी। 25 नवंबर को भगवान शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होंगे।
वही इस वर्ष द्वितीय केदार मद्महेश्वर में श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकॉर्ड बनाया है। इस साल यहां रिकाॅर्ड 12,879 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। पिछले 22 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि यहां अधिक संख्या में शिव भक्त यहां पहुंचे हैं। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है, जब द्वितीय केदार मद्महेश्वर में दर्शनार्थियों की संख्या पांच अंकों में पहुंची है। इससे पूर्व प्रतिवर्ष दो से ढाई हजार श्रद्धालु ही यहां दर्शन को पहुंच पाते थे।