उत्तरकाशी सुरंग हादसा: बचाव अभियान जारी, 900 मिमी स्टील पाइप से निकाला जाएगा मजदूरों को बाहर
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन से वहां फंसे 40 मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। पीएम मोदी ने भी दूरभाष पर सीएम धामी ने बात कर हालत की पूरी जानकारी ली है।
चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग का काम करते हुए अचानक शनिवार रात आठ बजे लगभग 40 से 50 मजदूर अपनी शिफ्ट शुरू होने पर काम पर गए थे। काम करते वक़्त अचानक ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई। इस दौरान 3-4 मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लेकिन अन्य सुरंग के अंदर ही फंस गई। जिनकी संख्या 35 से 40 के करीब बताई जा रही है।
मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात लगातार जारी है जिसमें उन्होंने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं। मजदूरों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से खाना मांगा जिस पर उन्हें पाइपलाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के पैकेेट भेजे गए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
#WATCH: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami inspects the site of the Uttarkashi Tunnel accident. pic.twitter.com/LMZsTmUHbm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023
इसी बीच पीएम मोदी ने भी सीएम धामी से बात कर घटना के बारे में पूरा विवरण भी जाना। सीएम धामी ने सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री ने दूरभाष के माध्यम से सिल्क्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना में फंसे श्रमिकों की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्हें फंसे हुए लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों से अवगत कराया।
वहीं अब निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई है, यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाई जाएगी। निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी बचाव अभियान में रुकावट पैदा कर रही है। ऐसे में अब पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके।
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने भी लगातार मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा ले रहे है। उन्होंने बताया की जेसीबी व अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी है। जिस स्थान पर मजदूर हैं वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा।