9 नवंबर साल 2000 में उत्तराखंड को अपनी एक अलग पहचान देश के 27वें राज्य के रूप में हुई। अलग राज्य की मांग में कई आंदोलनकारियों ने अपनी जान गंवा दी। गोलीकांड, लाठीचार्ज और भी कई प्रताडनायें उन तमाम शहीदों ने सही। उत्तराखंड राज्य आज अपना 23वां स्थापना दिवस बना रहा है इन सालों में उत्तराखंड ने कई क्षेत्रों में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है जिसमे सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र है उत्तराखंड राज्य की खूबसूरती।
उत्तराखंड देवों की भूमि ‘देवभूमि के नाम भी जाना जाता है। ऊंचे ऊंचे पहाड़ों में देवी देवताओं के मंदिर जहा खुद भगवानों का वास रहता है। न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी धार्मिक भावना लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहाँ पहुंचते है। उत्तराखंड की न सिर्फ चार धाम यात्रा बल्कि कई अन्य मंदिर है जिनकी कई प्राचीन मान्यताओं ने लोगों का ध्यान अपनी और खींचा है। न सिर्फ धार्मिकता को लेकर बल्कि यहाँ की वादियां भी पर्यटकों को खूब भांति है, सालों साल यहाँ का मौसम बेहद सुहाना रहता है जो की पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता है।
अगर आप भी उत्तराखंड आने का मन बना रहे है इन बातों को जरूर ध्यान में रखें :
चारधाम यात्रा: एक समय में कहा जाता था की सिर्फ बूढ़े-बुजुर्ग ही चार धाम यात्रा में जाते है लेकिन समय के बदलाव के साथ आज हर कोई भगवान के दर पर माथा टेकना चाहता है। और उत्तराखंड में मौजूद चार धाम ‘केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री’ न सिर्फ अपनी मान्यताओं को संजोये हुए मंदिर है बल्कि वहां आस-पास के प्राकृतिक सौंदर्य से भी पर्यटक उस ओर खींचे चले जाते है। जहां देवी देवता खुद निवास करते हो वहां की पावन हवा से आखिर कौन रूबरू नहीं होना चाहेगा।
ट्रैकिंग के लिए बेहतर जगह: उत्तराखंड राज्य पहाड़ों से घिरा राज्य है। और अगर आप कुछ साहसिक काम करने में रूचि रखते है या ट्रैकिंग करने के शौकीन है तो उत्तराखंड के पहाड़ आपके लिए बहुत अच्छा विल्कप है। आप विभिन वेब साइट्स के जरिये यहाँ के एडवेंचर टूर एंड ट्रेवल से सम्पर्क कर के पहाड़ों में ट्रैवलिंग और साथ ही अन्य रोमांचित खेलों का लुफ्त उठा सकते है।
प्राचीन मंदिर: धार्मिक मान्यताओं को करीब से जानने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड किसी स्वर्ग जैसे अहसास से कम नहीं है। यह मौजूद तमाम मंदिर है जो अपने आप में अनोखे रहस्य छुपाये हुए है जिन रहस्यों का कारण आज तक वैज्ञानिक नहीं जान पाए। उत्तराखंड के हर जिले में आपको कोई न कोई ऐसा प्राचीन मंदिर जरूर मिलेगा जिससे जाने बिना आपका दिल नहीं मानेगा।
सुकून के लम्हे: रोज़ाना की भागती दौड़ती ज़िंदगी में आप अगर सुकून चाहते है तो पहाड़ों की शांति से कोई बेहतर विकल्प नहीं है। हर व्यक्ति अपने फ़ोन से चिपका हुआ है जिस कारण उसे दो पल का चैन नहीं है। तो अगर आप कभी भी पहाड़ों में आने का प्लान कर रहे तो कहीं कहीं पहाड़ों में नेटवर्क नहीं है लेकिन यह आपके लिए ही अच्छा होगा अकेले बैठ कर आप अपने अंदर की शांति को ज्यादा जल्दी पा सकेंगे। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच रह कर आप एक अलग दुनिया का अहसास कर सकते है।
पशु प्रमियों के लिए खास: ज्यादातर हिंसा जंगलो में बसा होने के करण्ड आपको यहाँ कई चिड़ियाघर मिल जाएंगे। आपको यहाँ कई अलग अलग तरह के पशु पक्षी मिल जायँगे जिससे आपका सफ़र और भी रोमांचिक हो जाएगा।
पहाड़ी भोजन: आप जब भी उत्तराखंड आएं पहाड़ी भोजन का स्वाद जरूर ले। मंडुए की रोटी, टिल की चटनी , आलू की ठिचडी और भी कई स्वादिष्ट व्यंजन। यह भोजन बिना किसी मिलावट के बना होता है जो आपकी सेहत को तंदरुस्त बनाये रखने में बहुत मदद करता है। बाहरी खाना तो आप रोज खाते होंगे लेकिन एक बार अगर आपने पहाड़ी व्यंजन चख लिए तो आप इनके दीवाने हो जाएंगे।
उत्तराखंड चारों तरफ से पहाड़, जंगलो से घिरा है। यहाँ के लोगों में बसा भोलापन और महमाननवाज़ी का अंदाज़ हमेशा से निराला रहा है और आखिर में उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों से यही उम्मीद रखी जाती है की आप बेशक यहाँ घूमने आये लेकिन यहाँ से जब जाये तो यहाँ गंदगी ना फैला कर जाएं। उत्तराखंड को बेहद ही खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य से नवाज़ा है इसको गंदगी से खराब न करें। किसी भी जगह को प्यार से संजो कर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।