कतर ने भारतीय नौ सेना के रिटायर्ड आठ अफसरों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है । मौत की सजा पाने वाले इन आठ अफसरों में एक देहरादून के सौरभ वशिष्ठ भी शामिल हैं। सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ ने सोमवार सुबह दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की।
विदेश मंत्री ने उनको आश्वासन दिया है कि सरकार अपने स्तर से हर संभव प्रयास करती रहेगी और इस मामले में कतर सरकार के साथ लगातार वार्ता की जा रही है। विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस बातचीत का नतीजा निकलेगा।
ज्ञात हो की भारतीय नौसेना से रिटायर्ड होने के बाद आठों अफसर दोहा की एक कंपनी “दहरा ग्लोबल खमीस अल अजमी” में काम करते थे । कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड करती थी । इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे। इन सभी पर कतर सरकार ने अपने देश की गुप्त जानकारी इजरायल को देने का आरोप लगाकर मौत की सजा सुनाई है।
देहरादून के सौरभ वशिष्ठ भी इन रिटायर्ड आठ अफसरों में शामिल है और कतर द्वारा यह फैसला सुनाए जाने के बाद से उनके परिवार के लोग परेशान हैं। सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ नौसेना से रिटायर्ड विंग कमांडर हैं। 30 अक्टूबर को दिल्ली में उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस पूरे मामला को लेकर मुलाकात की।
विदेश मंत्री की तरफ से उनको आश्वासन दिया गया है की सरकार की कोशिश है कि उनका बेटा जल्द घर वापस लौटे । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सौरभ वशिष्ठ की रिहाई को लेकर लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क बनाए हुए हैं।
सौरभ वशिष्ठ के पिता के अनुसार उनको भारत सरकार पर भूरा भरोसा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार उनके बेटे सौरभ को कतर से जरूर लेकर आएगी।