उत्तराखंड

पुलिस स्मृति दिवस: मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राज्य के शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एक सीरीज में महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिसमें पुलिस कर्मियों के परिवारों के लिए आर्थिक सहयोग और वृत्तिक सहायता भी शामिल है ।

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाईन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उत्तराखण्ड के शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चार घोषणाएं की । उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों की अकाल मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल 01 लाख रूपये आर्थिक सहयोग दिये जाने के लिए पुलिस शहीद कल्याण कोष के लिए 02 करोड़ रूपये की धनराशि दी जायेगी। अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा। अगले तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवास हेतु 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया जायेगा। पुलिस विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती संबंधी अड़चनों को दूर किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की पुलिस व्यवस्था राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा है और वे अपने जीवन को राज्य की जनता की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और उनके साथ विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे कामों की चुनौतियों को दूर करने का संकेत दिया।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2021 से अब तक 04 हजार से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 40 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए गए हैं। भू-माफिया तथा नकल माफियाओं से सम्बन्धित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लाये गये हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि  21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एस. आई. करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है। विगत एक वर्ष में भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 188 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है। उत्तराखण्ड पुलिस के 04 जवानों उप निरीक्षक प्रदीप सिंह रावत, आरक्षी लक्ष्मण सिंह, आरक्षी चमन सिंह तोमर और आरक्षी जवाहर सिंह ने इस वर्ष ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास,  विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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