जानिए क्यों मनाया जाता है आज पुलिस स्मृति दिवस?
आज के दिन वर्ष 1959 में विश्वासघाती चीनी सेना ने तिब्बत में घात लगाकर भारतीय पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 बहादुर जवान मोर्चा लेते हुए मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि 7 जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
Police Commemoration Day: चीन की भारतीयों के खिलाफ धोखाधड़ी करने की जब भी बात सामने आती है, तो हॉट स्प्रिंग में चीन के द्वारा की गई शर्मनाक करतूत सबसे पहले याद आती है। इस हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की शहादत को याद करने के लिए आज के दिन ‘पुलिस स्मृति दिवस’ (national police commemoration day) मनाया जाता है।
मसलन बीते 64 साल से हर वर्ष 21 अक्टूबर को मनाए जा रहे “पुलिस स्मृति दिवस” की नींव तो 20 अक्टूबर 1959 को ही पड़नी शुरू हो चुकी थी। हालांकि चीन द्वारा उस कायराना घटना को अंजाम 21 अक्टूबर सन् 1959 को दोपहर के वक्त दिया गया था। 20 अक्टूबर सन् 1959 को बल की तीसरी बटालियन उस दिन पूर्वी लद्दाख के इसी ‘हॉट स्प्रिंग्स’ सीमा पर निगरानी कर रही थी।
गश्त को निकली टुकड़ी वापस नहीं लौटी
चीन सीमा पर गश्त को निकली उन 3 में से दो टुकड़ियां तो वापस लौट आईं थी। लेकिन तीसरी टुकड़ी वापस नहीं लौटी थी। जब तीसरी टुकड़ी अगले दिन तक वापस नहीं लौटी तो खोई हुई टुकड़ी की तलाश के लिए एक और टुकड़ी तैयार की गई थी। गायब तीसरी टुकड़ी की तलाश के लिए गठित की गई नई टुकड़ी में सीआरपीएफ(crpf) बल के 20 जवानों को शामिल किया गया था। सुरक्षा के लिहाज से उस ‘विशेष तलाशी टुकड़ी’ को भी तीन अलग-अलग टुकड़ियों में बांट लिया था।
सीआरपीएफ के 10 जवान हुए थे शहीद
तीनों टुकड़ियों अपने तीनों जवानों की तलाश में 21 अक्टूबर 1959 को सीमांत क्षेत्र में निकल गए थे। तीनों टुकड़ियों ने कुछ ही दूरी तय की थी। उसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे, सैकड़ों चीनी सैनिकों ने गोलियों-बमों से टुकड़ी पर हमला कर दिया था। हमले के वक्त चीनी सैनिकों ऊंची पहाड़ी पर छिपे थे। वहीं तीनों टुकड़ियां निचले हिस्से में चीनी सैनिकों के हमले के कारण चारों ओर से फंस चुकीं थीं। लिहाजा चीनी सैनिकों के उस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 बहादुर जवान मोर्चा लेते हुए मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि 7 जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
चीनी सैनिक शहीद 10 जवानों के शवों के साथ घायल 7 हिंदुस्तानी जवानों को भी चीनी सैनिक बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे। उस घटना के करीब 22-23 दिन बाद चीन ने 13 नवंबर 1959 को सीआरपीएफ के बहादुर शहीद सैनिकों के शव भारत को लौटाए थे। उन शहीदों का ‘हॉट-स्प्रिंग्स’ में ही पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।
पुलिस स्मृति दिवस मनाने का फैसला
वर्ष 1960 के मध्य में शहीद हुए बहादुरों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को देश भर में ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाने का फैसला लिया गया था।सन् 2012 से हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में ‘पुलिस स्मृति दिवस परेड’ का आयोजन भी किया जाने लगा।