जानिए इजरायल-फिलिस्तीन विवाद की पूरी सच्चाई
क्या आप सभी जानते है कि इस दौरान इस्राइल की जो स्थिति है, वो पचास साल पहले भी हुई थी? आखिर क्यों इस्राइल और हमास के बीच सालों से युद्ध चल रहा है? आज इन सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।
वर्तमान में इस्राइल और हमास में चल रही जंग से पूरी दुनिया दंग हो चुकी है। 7 अक्टूबर का दिन जब इस्राइल के यहूदी धर्म के लोग तोराह पढ़ रहे थे उसी दौरान फिलिस्तीन के आतंकी गुट हमास(hamas) ने अचानक से करीब 5 हजार रॉकेट इस्राइल पर दाग दिए थे। अकेले इस हमले में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इसकी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में भी करीब 250 लोग मारे जा चुके हैं। दोनों तरफ से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं।
ठीक पचास साल पहले भी हुआ था ऐसा
इस्राइल में युद्ध की वर्तमान यही स्थिति ठीक पचास साल पहले भी हुई थी। 7 अक्टूबर 1973 का दिन था। वो दिन जो यहूदी धर्म के लिए बेहद खास होता है। इस दिन यहूदी धर्म के लोग तोराह पढ़ते है। आपको बता दे कि तोराह यहूदी धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। उसी दिन इस्राइल पर मिस्र और सीरिया की सेना ने हमला किया था, यह हमला बाद में युद्ध में बदल गया था जिसे योम किप्पुर युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध का ताल्लुक साल 1967 में हुए तीसरे अरब-इस्राइल युद्ध से था। दोनों देशों का इस्राइल पर हमला करने की मुख्य वजह 1967 में हुए युद्ध में गवाएं हुए क्षेत्र को इस्राइल से हासिल करना था। ठीक ऐसा ही कुछ पूरे 50 साल बाद फिर से हुआ है।
इस्राइल और हमास का युद्ध
इस्राइल और हमास के बीच सालों से युद्ध चलता आ रहा है। इस्राइल -फिलिस्तीन विवाद(Israel-Palestine conflict) को समझने से पहले सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर ये विवाद क्यों चल रहा है। इसके लिए इस्राइल और फिलिस्तीन(Palestine) के भूगोल को समझना बेहद जरूरी है।
इस्राइल-फिलिस्तीन भूगोल
इस्राइल(israel) मिडिल ईस्ट में मौजूद एक यहूदी देश है। इसके पूर्वी हिस्से में वेस्ट बैंक और दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में गाज़ा स्ट्रिप है। वेस्ट बैंक और गाजा स्ट्रिप को आमतौर पर फिलिस्तीन के तौर पर जाना जाता है। वेस्ट बैंक में ही इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्म का पवित्र शहर यरुशलम भी मौजूद है। वहीं इस्राइल के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित गाज़ा स्ट्रिप- दोनों तरफ से इस्राइल से घिरा है। इस्राइल पर ताजा हमला इसी गाज़ा स्ट्रिप से किया गया है। जिस पर साल 2007 से हमास का कब्जा है।
इस दिन शुरू हुआ फिलिस्तीन- इस्राइल विवाद
फिलिस्तीन और इस्राइल के बीच विवाद प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के बाद शुरू हो गया था। इस दौरान ओटोमन साम्राज्य की हार हो गई थी। बता दे कि, फिलिस्तीन पर पहले ओटोमन साम्राज्य का शासन था। लेकिन प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर पूरा कब्जा कर लिया था। इसके अलावा उस वक्त इजरायल नाम से कोई देश नहीं था। इजरायल से लेकर वेस्ट बैंक तक के इलाके को फिलिस्तीनी क्षेत्र के तौर पर जाना जाता था। उस दौरान वहां यहूदी अल्पसंख्यक और अरब बहुसंख्यक थे।
फिलिस्तीन-इजरायल विवाद की वजह
- साल 1917 में अंग्रेजों ने फिलिस्तीन में यूरोपीय यहूदियों के आप्रवासन यानी इमिग्रेशन को सुविधाजनक बनाना शुरू कर दिया। एक तरफ जहां यहूदियों का मानना था कि ये उनके पूर्वजों का घर है। वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीन अरब भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करते थे। इस तरह से फिलिस्तीन-इजरायल विवाद की शुरुआत हुई थी।
- साल 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव दिया जिसके तहत ब्रिटिश शासन के अधीन फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने का फैसला किया गया था। इसके ठीक एक साल बाद 14 मई, 1948 को यहूदी एजेंसी के प्रमुख डेविड बेन-गुरियन ने इजरायल राज्य की स्थापना की घोषणा की थी।
- इजरायल ने जैसे ही अपनी आज़ादी का ऐलान किया। इसके महज 24 घंटे के अंदर ही अरब देशों की संयुक्त सेनाओं ने उस पर हमला कर दिया था। अंत में ब्रिटिश राज वाला ये पूरा हिस्सा तीन भागों में बंट गया। जिसे इजरायल, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी का नाम दिया गया था।
- सनद रहे कि 2006 में हमास ने गाजा पट्टी पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया और 2007 के अंत में इजरायल ने गाजा पट्टी पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। इजरायल के प्रतिबंध से गाजा पट्टी में रहने वाले फलस्तीनी काफी नाराज हुए और उन्होंने इसका विरोध भी किया, लेकिन इजरायल ने जनवरी 2008 में हुए हमलों के बाद गाजा पर और प्रतिबंध लगा दिए।
- इजरायल-फिलिस्तीन विवाद दुनिया के सबसे जटिल और संवेदनशील मुद्दों में से एक है। इस विवाद की वजह से दोनों पक्षों को हिंसा, विस्थापन और पीड़ा का सामना करना पड़ा। इजरायली और फलस्तीन दोनों के इस भूमि से गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं और दोनों की ही अपनी शिकायतें भी हैं।