उत्तराखंडदेश

मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने का किया समर्थन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक में वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने के महत्वपूर्ण प्रयासों का समर्थन किया ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक में वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने के महत्वपूर्ण प्रयासों का समर्थन किया ।

उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में आयोजित हुई इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ अन्य महानुभाव भी शामिल हुए।  इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक को उत्तराखण्ड में आयोजित किये जाने को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वन क्षेत्र से आच्छादित है और इसके कारण राज्य में अवस्थापना सुविधाओं और आवश्यक सेवाओं के विकास की लागत अधिक होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार निरंतर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यावरणीय प्रतिबंधों के कारण विकास कार्यों के संचालन में कठिनाइयां रहती है, जबकि हमारे आर्थिक संसाधन भी सीमित हैं। इन परिस्थितियों एवं संसाधनों की सीमित उपलब्धता के बावजूद राज्य की प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औरत से लगभग दो गुना करने में हम सफल हुए हैं, तथा राज्य के विकास की दिशा में कई उपलब्धियां हासिल कर उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट एवं आदर्श राज्य बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली गंगा, यमुना, काली जैसी नदियां मैदानी क्षेत्रों की जीवन रेखा होती हैं, और उन्होंने सुझाव दिया कि वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने का अद्वितीय प्रयास किया जाना चाहिए, जिससे उत्तराखण्ड को ही नहीं बल्कि पूरे देश को भी लाभ होगा। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग की मांग की।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का आपदाओं जैसे भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना इत्यादि से चोली दामन का साथ है। इसके लिये राज्य को एक सशक्त वेदर फोर कास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को बैंक की सुविधा हो, इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं इसके लिये उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित ऐसे गांवों में विद्युत व्यवस्था, मोबाइल कनेक्टिविटी तथा बैंकिंग सेवा व्यवस्था में सुधार हेतु केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा की।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर’ के रूप में घोषित किया गया है, और इसके तहत मिड-डे मील में बच्चों को मिलेट खिलाने का निर्देश दिया गया है, जिससे बच्चे स्वस्थ रह सकें।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषद की 25वीं बैठक को काशी विश्वनाथ की नगरी में आयोजित करने का प्रस्ताव दिया । उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया ने देश के सामर्थ्य और शांति के प्रदर्शन को स्वीकार किया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button