मुख्य सचिव ने ली वर्षा जल संग्रहण पर बैठक, चेक डैम बनाने पर जोर
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में वर्षा जल संग्रहण के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वर्षाकाल में अत्यधिक वर्षा होती है, परन्तु बाकी समय पर पानी की समस्या रहती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए वर्षा जल संग्रहण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में वर्षा जल संग्रहण के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक ली। इस बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने वर्षाकाल में होने वाली अधिक वर्षा के बावजूद प्रदेश के जल संग्रहण की अधिक महत्ता पर बल दिया और इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखण्ड प्रदेश में वर्षाकाल में अधिक वर्षा होती है, लेकिन बाकी समय पर पानी की कमी रहती है, इसलिए वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए योजनाएं बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल को चेकडैम आदि के माध्यम से रोक कर जल संग्रहण किया जा सकता है, जिससे वर्षभर पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि रिवर एंड स्प्रिंग रिजूवनेशन के लिए बनाई जा रही अथॉरिटी अथवा एजेंसी के उद्देश्यों में अधिकतम संख्या में चेक डैम तैयार किए जाने को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जल स्रोत से उत्तराखण्ड की सीमा तक सभी नदियों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। साथ ही राज्य जल संरक्षण की योजना (State water conservation plan) तैयार की जाए, जिस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने में यह प्रदेश की 70 प्रतिशत से अधिक वन भूमि महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे प्रदेश के अधिकतम भूभाग के जल स्रोत रिचार्ज होंगे। उन्होंने योजनाओं के मूल्यांकन के लिए एक मैकेनिज्म विकसित किया जाने की बात कही और योजनाओं के प्रगति को मॉनिटर करने के लिए डैशबोर्ड की योजना बनाने की भी दिशा में बात की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं जलागम प्रबंधन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।