धरना स्थल जाते कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका, ट्रैक्टर लेकर पहुंचे हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने आपदा से प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग को लेकर शनिवार को धरना स्थल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका और बैरिकेडिंग लगाई।
आपदा प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। शनिवार को हरीश रावत ट्रैक्टर में सवार होकर धरना स्थल पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थकों की भी भारी भीड़ जुट गई।
हरीश रावत के साथ धरना स्थल पर शामिल होने पहुंच रहे कई कांग्रेसियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर जगह-जगह पर रोक लिया। पुलिस ने हाथीबड़कला के पास बेरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे जाने से रोक दिया।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि सरकार ने जगह-जगह बेरिकेडिंग लगाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धरना स्थल पर पहुंचने रोका है, लेकिन पार्टी किसानों के मुद्दों को लेकर अपनी आवाज को उठाएगी।
हरीश रावत ने कहा कि सरकार को आपदा से प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि बढ़ानी चाहिए । हरीश रावत ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की सरकार से किसानों की चार मांगे है –किसानों को 10 हज़ार रूपये प्रति बिघा मुआवजा दिया जाए । साथ ही किसानों का पिछले 6 महीनों का बिजली पानी बिल माफ़ किया जाएं । इसके अलावा गन्ना मील द्वारा किसानों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाए, और साथ ही किसानों के क़र्ज़ की वसूली स्थगित की जाए और ब्याज माफ किया जाए ।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए आगे कहा अगर 20 अक्टूबर तक यह मांगे पूरी नहीं की गई, तो किसानों द्वारा देहरादून जाम किया जाएगा और राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम किया जाएगा।
इससे पहले, हरीश रावत ने शुक्रवार को भी धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों के समर्थन में भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनकी मांगों को पूरा कराएगी।
इस बीच, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धरना स्थल से कुछ दूरी पर रोक लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर जाने के लिए पुलिस से वार्ता की, लेकिन पुलिस ने उनकी मांग नहीं मानी।