वैश्विक नेताओं ने 2030 तक टीबी को ख़त्म करने की प्रतिबद्धता जताई
संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (आईएएनएस)। तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में विश्व नेताओं ने 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए एक राजनीतिक घोषणा को मंजूरी दे दी है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, दस्तावेज़ में अगले पांच वर्षों के लिए महत्वाकांक्षी नए लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं जिसमें 90 प्रतिशत लोगों तक टीबी की रोकथाम और देखभाल सेवाएं पहुंचाना, बीमारी से पीड़ित लोगों को सामाजिक लाभ पैकेज प्रदान करना और कम से कम एक नए टीके का लाइसेंस देना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने शुक्रवार को कहा, “मैं सभी सदस्य देशों को राजनीतिक घोषणा के इस मसौदे की मंजूरी के लिए बधाई देता हूं, जिसे मैं बाद में औपचारिक रूप से अपनाने के लिए महासभा को सौंपा जायेगा।”
फ्रांसिस ने कहा, “हम आज एक उद्देश्य या संकल्प के साथ एक साथ आए हैं और प्रतिबद्धताओं को फिर से मजबूत करने और तपेदिक को समाप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करते हैं, जो एक सहस्राब्दी पुरानी बीमारी है लेकिन आज भी यह दुनिया की शीर्ष संक्रामक जानलेवा बीमारियों में से एक है।”
उन्होंने कहा, “मनुष्य को चंद्रमा पर भेजने से लेकर दुनिया को अपनी उंगलियों पर लाने तक – इतनी प्रगति के बावजूद, एक रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी को हराने में हम क्यों असमर्थ हैं जो एक दिन में 4,400 से अधिक लोगों की जान ले लेती है?”
फ्रांसिस ने कहा, “टीबी महामारी गरीबी और अल्पपोषण जैसी असमानताओं के कारण पनपती है, और यह संघर्षों, जलवायु परिवर्तन और अन्य संकटों से और बढ़ जाती है।”
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने टीबी को खत्म करने की लड़ाई में वर्षों की प्रगति पर पानी फेर दिया है। इससे प्रभावित लोगों, खासकर सबसे कमजोर लोगों, पर भारी बोझ पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने संक्रमण के मुख्य कारकों – गरीबी, अल्पपोषण, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की कमी, एचआईवी संक्रमण की व्यापकता, मधुमेह, मानसिक स्वास्थ्य और धूम्रपान से निपटने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बीमारी से जुड़े कलंक को कम करने की जरूरत है ताकि लोगों को भेदभाव के डर के बिना मदद मिल सके और सरकारों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करना चाहिए जिसमें टीबी की जांच, रोकथाम और उपचार शामिल है।
मोहम्मद ने वैश्विक लड़ाई का समर्थन करने का अपना कारण भी साझा किया। उन्होंने कहा, “मेरी प्रतिबद्धता मेरी निजी कहानी है: इसी सप्ताह 37 साल पहले मैंने अपने पिता को टीबी के कारण खो दिया था जो उस समय महज 50 साल के थे।”
मोहम्मद ने कहा, “तपेदिक को ख़त्म करना संभव है। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, वित्तीय प्रतिबद्धता और वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र प्रणाली सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है… हमें मिलकर तपेदिक को हमेशा के लिए ख़त्म करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अकेले 2021 में टीबी से लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई और यह कोविड-19 के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी रही।
–आईएएनएस