अंकिता भंडारी हत्याकांड के एक साल , परिवार को आज भी न्याय की दरकार
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के केस को आज एक साल पूरा हो गया है । इस हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया था ।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के केस को आज एक साल पूरा हो गया है । इस हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया था । राज्य के लोगों के दिलों में आज भी इस केस की गूंज सुनाई देती है । प्रदेश की 19 साल की बेटी अंकिता के साथ युवकों की हैवानियत की कहानी सुनकर लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ था की ऋषिकेश के समीप पावन धरती पर ऐसा भी कुछ हो सकता है ।
क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड ?
पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में वनंतरा रिजॉर्ट में काम करती थी । कुछ हैवानों ने उसकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसने रिजॉट में आने वाले VIP गेस्ट को स्पेशल सर्विस देने से इनकार कर दिया था ।
अपराध का विवरण : उत्तराखंड के गंगा भोगपुर के वनंतरा रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी । उसका रिजॉर्ट से लापता हो जाना बड़ी चिंता का विषय बन गया था। 8 सितंबर 2022 को लापता हुई अंकिता की हत्या 18 सितंबर 2022 को नहर में धक्का देकर कर दी गई थी। उसका शव 24 सितंबर 2022 को चीला नहर से मिला। अंकिता के परिवारजनों ने शव की शिनाख्त की थी।
आरोपियों पर केस : इस केस में भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर रेप और हत्या के आरोप लगे , उसकी मदद करने वालों में सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी शामिल थे। पुलिस ने करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की, जिसमें 100 गवाहों को शामिल किया गया।
पुलिस की जांच : केस की गंभीरता को समझते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया, जिसने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की। जांच में पता चला कि अंकिता ने स्पेशल सर्विस देने से मना किया तो पुलकित आर्य उसका यौन शोषण करने लगा। रिजॉर्ट के कमरा नंबर 106 में मैनेजर सौरभ भास्कर ने भी कई बार अंकिता के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
मुख्य आरोपी और नामकरण : केस का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य है जो भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा है । केस का मुख्य गवाह विवेक आर्य है, जो रिजॉट में ही काम करता था । पुलकित आर्य और अन्य पर विशेष धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छिपाना), और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत किए गए आरोपों को तय किया गया है ।
22 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
इस मामले की सरकार के आदेश से फास्ट ट्रैक अदालत में सुनाई शुरू हुई । एसआईटी की ओर से चार्जशीट में 97 गवाह बनाए गए हैं । इनमे से अब तक 19 गवाहों की गवाही कोर्ट में हो चुकी है। शुक्रवार को गवाही के दौरान भी अदालत में तीनों हत्यारोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता हाजिर रहे । अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। जिसके लिए दो गवाहों को अदालत की ओर से समन भेजे जा रहे हैं। इस दौरान गवाहों ने कोर्ट के सामने बहुत से नए तथ्यों को भी उजागर किया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के स्मृति में राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम उसके नाम पर रखने की घोषणा की है, लेकिन प्रदेश और अंकिता को आज भी न्याय की दरकार है ।