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भारत में इस साल त्योहारी महीने में 90 हजार करोड़ रुपये की ई-कॉमर्स बिक्री की उम्‍मीद

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। लगभग 140 मिलियन खरीदारों के कारण, भारत में इस साल त्योहारी महीने में 90 हजार करोड़ रुपये का ऑनलाइन कारोबार की संभावना है, जो पिछले साल के त्योहारी महीने से 18-20 प्रतिशत अधिक है। शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स त्योहारी सीज़न की बिक्री के 10वें वर्ष को चिह्नित करते हुए, उद्योग को पूरे वर्ष के लिए 5 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का जीएमवी हासिल करने की उम्मीद है।

पिछले 10 वर्षों में, भारतीय ई-टेलिंग लगभग पूरी तरह से बदल गई है, क्योंकि समग्र ई-टेलिंग उद्योग का वार्षिक जीएमवी इस अवधि में लगभग 20 गुना बढ़ गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खपत में हालिया मंदी और अर्थव्यवस्था पर लगभग 3 साल के बाहरी झटकों को देखते हुए इस साल 10वें त्योहारी सीजन की बिक्री अवधि और भी महत्वपूर्ण है।

रेडसीर के पार्टनर मृगांक गुटगुटिया ने कहा,“पिछली कई तिमाहियों में, हम इलेक्ट्रॉनिक्स से परे श्रेणियों में जीएमवी योगदान में वृद्धि देख रहे हैं। यह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छा है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं की कई श्रेणियों को ऑनलाइन खरीदने की इच्छा दिखाता है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ब्रांड आ रहे हैं।”

गुटगुटिया ने कहा, “इस प्रवृत्ति को जारी रखते हुए, हम इस त्योहारी अवधि में फैशन, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल, घरेलू और सामान्य माल व अन्य जैसी गैर-इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणियों से जीएमवी योगदान में वृद्धि की उम्मीद करते हैं।”

रिपोर्ट के अनुसार, लगातार “प्रीमियमाइजेशन” के कारण औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) बढ़ रहा है, और बढ़ते विज्ञापन और प्रचार राजस्व संभवतः इस साल के त्योहारी सीजन को मार्जिन के नजरिए से सबसे कुशल बना देंगे।

डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांड व्यापक ई-टेलिंग बाजार की तुलना में 1.6 गुना तेजी से बढ़ने की संभावना है।

शहर-स्तरीय विकास के मामले में, पिछली कुछ तिमाहियों में महानगर टियर 1 और 2 की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, हमें इस त्योहारी सीजन में सभी शहरों में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।”

इसके अतिरिक्त, बिक्री अवधि के दौरान कई उपयोग-मामलों में जेनेरिक एआई जैसे नए युग के प्रौद्योगिकी समाधानों को अधिक व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है, इससे बेहतर और नवीन उपभोक्ता अनुभव प्राप्त होंगे और मजबूत विकास गति को बढ़ावा मिलेगा।

–आईएएनएस

सीबीटी

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