NDTV, अडानी ग्रुप, सोहित मिश्रा का इस्तीफा, कैसे जुड़ें है सबके तार
मीडिया को भारत में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। मीडिया के पास वह शक्ति है जो संसद, विधायिकी और न्यायपालिका द्वारा कि गई भूल चूक को जनता के सामने लाने का सामर्थ्य रखती है। मीडिया लोकतंत्र की सुरक्षा में खास किरदार निभाती है। लेकिन कुछ समय से मीडिया खुद बेजुबान दिखाई दे रही है।
NDTV Sohit Mishra: आप सभी दर्शकों के हिसाब से मीडिया की मुख्य जिम्मेदारी और कार्य क्या है? यह सवाल पढ़ते हुए आपके दिमाग में जवाब जरूर आया होगा। अधिकतर लोगों के मन में मीडिया का समाज में मुख्य रोल जनता तक सही खबर को पहुंचाना है। लेकिन कुछ दिनों पहले ऐसी खबर सामने आई है जिसके बाद मीडिया जगत शर्मसार हुआ है। कथित तौर पर दिग्गज मीडिया हाउसेस में से एक एनडीटीवी न्यूज(ndtv news) चैनल ने अपने मुंबई के ब्यूरो चीफ सोहित मिश्रा(sohit mishra) को राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘हंगामा करने को कहा’ था।
यह खबर सुनकर जनता का यह मत था कि एनडीटीवी चैनल पर कार्यवाही जरूर होनी चाहिए। लेकिन इसके बाद की प्रतिक्रिया एकदम अलग थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा थी कि शुक्रवार को मुंबई में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित तौर पर गड़बड़ी पैदा करने से इनकार करने के बाद एनडीटीवी के मुंबई ब्यूरो प्रमुख सोहित मिश्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
आखिर किस विषय पर हो रही थी प्रेस कांफ्रेंस
मीडिया का मुख्य काम हर तरह की खबर को हर पहलू से सोच समझकर जनता के सामने लाना है। सभी लोगों की नजर केवल इसी खबर पर रहकर सिमट गई है। लेकिन क्या आप सभी को पता है कि जिस प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा करने की बात की गई थी उसका मुख्य मुद्दा क्या था? प्रेस कॉन्फ्रेंस भारत के सबसे बड़े ग्रुप में से एक, अदानी ग्रुप और अफगानिस्तान में तालिबान गवर्नमेंट के बीच कथित संबंधों के बारे में की गई थी। इसपर राहुल गांधी ने दावा किया था कि शेल कंपनियों के एक तार ने अडानी को तालिबान से जुड़ा हुआ है और मोदी सरकार पर सौदे में शामिल होने का आरोप लगाया है।
अब यह जानने के बाद आप सभी के मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि आखिर एनडीटीवी ने अपने ब्यूरो चीफ को ऐसा करने के लिए क्यों कहा था। फैक्ट के तौर पर आप सभी को बता दें कि कुछ महीनों पहले ही अडानी समूह ने एनडीटीवी खरीदा है। अब दर्शकों को यह खुद सोचना होगा कि अडानी समूह का एनडीवी का मुख्य शेयर होल्डर होना, राहुल गांधी का प्रेसकॉन्फेंस में अडानी समूह पर ही हमला करना और फिर सोहित मिश्रा वाली घटना। इस सभी के तार एक दूसरे से कैसे और किस प्रकार से संबंधित है यह सोचना जनता की जिम्मेदारी है।
सोहित मिश्रा के एनडीटीवी पर अपने विचार
एनडीटीवी का ऐसा करना चैनल को सवालों के घेरे में ले आया है। जिस पर सोहित मिश्रा के खुद के विचारों ने लोगों को गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।सोहित मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया पर कुछ बातें जाहिर की है जिसमे उन्होंने एनडीटीवी में बदलते माहौल के बारे में चिंता जताई है। सोहित मिश्रा के अनुसार यह घटना न्यूज रूम में मौजूद उस डर को दर्शाती है जिसकी वजह से समाचार चैनलों की पत्रकारिता की अखंडता को बनाए रखने की क्षमता सीमित होती जा रही है ।