तुर्की भूकंप : सोशल मीडिया में छाई उत्तराखंड की बेटी
तुर्की और सीरिया में बीती छह फरवरी को आए विशनाशकारी भूकंप से जो तबाही मची, उसने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। भूकंप में जान गंवाने वालों की संख्या 40 हजार के पार पहुंच गई है।
हर रोज तुर्की और सीरिया से झकझोर देने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही राहत और बचाव कार्यों की कई तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
राहत और बचाव कार्यों से जुड़ी हजारों तस्वीरों के बीच एक डॉक्टर महिला की दो तस्वीरें इस वक्त सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये डॉक्टर महिला देवभूमि उत्तराखंड की बेटी हैं जो भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए तुर्की में सेवा दे रही हैं। उत्तराखंड की इस बेटी का नाम है, मेजर बीना तिवारी।
मेजर बीना तिवारी भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भेजे गए दल की सदस्य हैं और भूकंप प्रभावितों का इलाज कर रही हैं। ऑपरेशन दोस्त के तहत 50वीं पैरा ब्रिगेड (स्वतंत्र), सात पैरा फील्ड के अधिकारी और जवान राहत-बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
28 वर्षीय मेजर डॉक्टर बीना तिवारी की दो तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। एक तस्वीर में वे एक बच्ची का इलाज करते हुए मुस्कराती नजर आ रही हैं तो दूसरी तस्वीर में एक महिला को गले लगाती दिख रही हैं।
इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद दुनियाभर से लोग उन्हें सैल्यूट कर रहे हैं। भारत की कई मशहूर हस्तियों ने उनकी तस्वीरों को ट्वीट किया है।
डॉ. बीना तिवारी देहरादून के राघव विहार की रहने वाली हैं। उनका परिवार तीन पीढ़ियों से सेना में सेवा दे रहा है। उनके दादा खिलानंद तिवारी कुमाऊं रेजिमेंट में सूबेदार और पिता मोहन चंद्र तिवारी, सूबेदार मेजर रह चुके हैं। दादा और पिता की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भारतीय सेना की वर्दी को चुना और मेजर पर पर कार्यरत हैं।
16 पैराफील्ड रेजिमेंट के हॉस्पिटल में मेजर पद पर तैनात डॉक्टर बीना तिवारी ने दिल्ली के आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस किया है। उनके पिता मोहन चंद्र तिवारी ने बताया कि बीना ने दसवीं तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल क्लेमेंटटाउन से की है।
मोहन तिवारी मूल रूप से चंपावत लोहाघाट के सुई खेस कांडे गांव के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि बेटी बीना मानवता की सेवा कर रही है।
गौरतलब है कि तुर्की में छह फरवरी की सुबह 4.17 बजे विनाशकारी भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इसके कुछ देर बाद उसी दिन 6.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया। इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा। शाम 4 बजे भूकंप का चौथा झटका आया। शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था।