राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया राज्य की पहली स्वच्छता चौपाल का उद्घाटन
देहरादून स्वच्छता को लेकर दून में एक अनूठी चौपाल शुक्रवार को शुरू हुई। राज्यपाल ले.जन. सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह ने आर्मी ग्राउंड गढ़ी कैंट में इस चौपाल का उद्घाटन किया। चौपाल की थीम वेस्ट मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी और स्वच्छता है। चौपाल में राज्य के दूर-दराज तक के जिलों के नगर निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। स्वच्छता उपकरण बनाने वाली देशभर की कंपनियों और स्टार्ट अप्स ने चौपाल में आयोजित प्रदर्शनी में हिस्सा लिया।
कैंट स्वच्छता चौपाल का उद्घाटन राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने किया। इस मौके पर महानिदेशक, रक्षा सम्पदा अजय शर्मा विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद थे। ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता, सेना मेडल और स्टेशन कमांडर के साथ ही छावनी परिषद देहरादून और लंढौर के अध्यक्ष भी मौजूद थे। डीएन यादव, उप महानिदेशक, रक्षा सम्पदा महानिदेशालय, अभिनव सिंह, सीईओ देहरादून कैंट बोर्ड, नवनीत पांडे, निदेशक शहरी विकास निदेशालय और अनूप नौटियाल, संस्थापक, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन भी उदघाटन समारोह में मौजूद थे।
राज्यपाल ले.जन. गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ईश्वर का वास वहीं होता है, जहां स्वच्छता होती है। उन्होंने दून छावनी परिषद को प्लास्टिक कचरे के रिसाइकिलिंग जैसी विभिन्न स्वच्छता पहलों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन के रूप में लगातार लोकप्रिय हो रहा है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारा राज्य स्वच्छ रहे और यहां आने वाले लोग राज्य से एक अच्छी छवि अपने साथ लेकर लौटें. उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में जिस तरह से कई कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करने के लिए आई हैं, वह स्वागत योग्य है। इससे साफ होता है कि हम बदल रहे हैं और हम सभी स्वच्छ भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्यपाल ने प्रदर्शनी में भाग लेने वाली 51 कंपनियों को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि अजय शर्मा ने सभी से प्लास्टिक कचरा और कचरा प्रबंधन के लिए एकजुट होकर संकल्प लेने की अपील की।
चौपाल का पहला सत्र उत्तराखंड में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम रहा। पैनलिस्ट ने स्रोत से ही सूखे और गीले कचरे को अलग करने के साथ ही कचरे के प्रति लोगों को संवेदनशील और जागरूकता करने की जरूरत पर जोर दिया। सत्र के अंत में सवाल-जवाब का दौर भी हुआ। इसमें दूर-दराज से आये नगर निकाय प्रतिनिधियों ने जरूरी सवाल पूछे।
दूसरे सत्र में स्वच्छता तकनीकी और विकल्प : अवसर और चुनौतियां विषय पर चर्चा की गई। इस सत्र में पैनलिस्टों ने स्वच्छता कार्यकर्ताओं के जीवन में तकनीकी के महत्व को लेकर चर्चा की। वे इस बात को लेकर भी आशान्वित थे कि आने वाले वर्षों में कचरा प्रबंधन का क्षेत्र और भी अधिक खुलेगा, जिससे कंपनियों के लिए स्वच्छ भारत अभियान में योगदान के नये अवसर सामने आएंगे।
नेप्रा, एटीरो, रीसाइकिल, साहस जैसे कई प्रसिद्ध राष्ट्रीय संगठन और पेड केयर, स्प्रूस अप और स्याना जैसे प्रमुख स्टार्ट अप्स भी प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उत्तराखंड स्थित ई-वेस्ट रिसाइकिलर कंपनी एटेरो की पेटेंट तकनीक का जिक्र मन की बात में किया था। इसके पूर्व में भी प्रधान मंत्री ने अराज फैशन का मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया था। चौपाल में मौजूद कई स्टार्ट अप्स केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और शार्क टैंक इंडिया कार्यक्रम में भी भागीदारी कर फंडिंग प्राप्त कर चुके हैं। चौपाल में कैंट बोर्ड के कर्मचारी और पदाधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।