UKSSSC समूह-ग भर्ती रद्द मामला : हाईकोर्ट ने सरकार और आयोग से जवाब मांगा
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा समूह-ग के 916 पदों पर चयन के बाद, परीक्षा रद्द किए जाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और आयोग से जवाब मांगा है।
आयोग ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी तय की है। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस मामले में जगपाल सिंह और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि आयोग ने समूह-ग के 916 पदों के लिए दो साल पहले चार-पांच दिसंबर 2021 को परीक्षा आयोजित कराई थी जिसके बाद सात अप्रैल 2022 को परिणाम घोषित किया गया।
करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी जिनमें से 916 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट सत्यापन की कार्यवाही शुरू की गई। इस बीच परीक्षा का पेपर लीक होने का खुलासा हो गया। खुलासे के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द घोषित कर दी।
सरकार के फैसले के खिलाफ चयनित अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। चयनित अभ्यर्थियों ने आंदोलन करने के साथ ही हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने बिना किसी नकल के ईमानदारी से परीक्षा पास की है लिहाजा उन्हें नियुक्ति दी जानी चाहिए।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि सरकार को परीक्षा रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
चयनित युवाओं का कहना है कि एक भर्ती की तैयारी में कई वर्षों की मेहनत लगती है और यदि उस भर्ती का पेपर लीक होता है तो इससे मेहनत करने वाले युवाओं को बड़ा धक्का लगता है।
युवाओं का कहना है कि सरकार नकल करने वाले चयनित अभ्यर्थियों की पहचान न कर पाने की सजा ईमानदारी से चयनित हुए अभ्यर्थियों को दे रही है।
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